डीआईजी सुजीत कुमार ने शनिवार को ललमटिया ओपी के थानेदार ओम प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। छात्रा से छेड़खानी, ब्लैकमेल से संबंधित एक मामले में थानेदार ने पीड़ित के आवेदन पर 7 दिन बाद केस दर्ज किया था और आवेदन देने की तारीख को ओवरराइटिंग कर 19 से 26 बना दिया था। यही नहीं, आरोपी पक्ष का भी काउंटर केस दर्ज कर लिया था। कहा जा रहा है कि खुद और आराेपी पक्ष काे सरंक्षण देने के लिए उन्हाेंने कऐसा किया। पीड़ित सीटीएस में तैनात बैंड सिपाही है और उसकी बेटी से छेड़खानी करने वाला आरोपी भी सीटीएस में तैनात एक दूसरे हवलदार का बेटा है। पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत के बाद डीआईजी ने जांच सिटी एएसपी पूरन झा से कराई। जिसमें पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपी की पुष्टि भी हो गई। जिसके आधार पर डीआईजी ने थानेदार को सस्पेंड करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश जारी किया है। छेड़खानी और ब्लैकमेल और एसिड अटैक की धमकी का मामला सीटीएस में तैनात बैंड सिपाही ने 19 अक्टूबर 2020 को ललमटिया थाने में आवेदन देकर अपनी 18 साल की पुत्री से छेड़खानी और ब्लैकमेल और एसिड अटैक की धमकी देने से संबंधित आवेदन देकर आरोपी पर कार्रवाई की मांग की। मामले में सीटीएस में तैनात एक दूसरे हवलदार के पुत्र विकास पर आरोप लगाया गया था। थानेदार ने उक्त आवेदन पर केस दर्ज नहीं किया। जब छात्रा के परिजन सीनियर अधिकारियों के पास जाने लगे तो 26 अक्टूबर 2020 को केस दर्ज किया। साथ ही छात्रा के पिता के आवेदन में लिखी तारीख को ओवरराइटिंग कर 19 से 26 बना दिया था। 26 अक्टूबर ही आरोपी विकास की मां से आवेदन लेकर छात्रा के भाई और मां पर मारपीट, गाली-गलौज और चेन छिनतई का काउंटर केस दर्ज कर लिया था। छात्रा के पिता का कहना था कि अक्सर विकास उनकी बेटी को कॉलेज और कोचिंग जाने के दौरान रास्ते में रोक कर छेड़खानी करता है। सोशल मीडिया में फोटो देकर बदनाम करने की धमकी देता है। मोबाइल पर गंदा मैसेज करता और बात करने का दबाव बनाता था। साथ ही 50 हजार रंगदारी मांगता है। पैसे नहीं देने पर बेटी को एसिड से जलाने की भी धमकी देता है। टेक्निकल सेल में तैनात भाई का दिखाता था डर छात्रा के पिता का कहना है कि आरोपी विकास का पिता हवलदार है तो भाई बच्चन कुमार राम सिपाही है, जो एसएसपी आवास में संचालित टेक्निकल सेल में तैनात है। विकास अक्सर धमकी देता था कि केस करने से कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि उसके भाई की पहुंच सीधे एसएसपी के पास है। 14 लाख लूट मामले में भी दारोगा हुए थे सस्पेंड मार्च 2019 में संस्कृत कॉलेज के पास गैस एजेंसी के कर्मी से 14 लाख लूट मामले में भी ओमप्रकाश को तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने सस्पेंड कर दिया था। उस समय ओम प्रकाश विवि थाने के थानेदार थे। उन्होंने वारदात के बाद उसकी जानकारी भी सीनियर अधिकारियों को नहीं दी थी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today पीड़ित के आवेदन में ओवरराइटिंग कर 19 को 26 बनाया गया। (लाल घेरे में) - VTM Breaking News

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Sunday, January 10, 2021

डीआईजी सुजीत कुमार ने शनिवार को ललमटिया ओपी के थानेदार ओम प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। छात्रा से छेड़खानी, ब्लैकमेल से संबंधित एक मामले में थानेदार ने पीड़ित के आवेदन पर 7 दिन बाद केस दर्ज किया था और आवेदन देने की तारीख को ओवरराइटिंग कर 19 से 26 बना दिया था। यही नहीं, आरोपी पक्ष का भी काउंटर केस दर्ज कर लिया था। कहा जा रहा है कि खुद और आराेपी पक्ष काे सरंक्षण देने के लिए उन्हाेंने कऐसा किया। पीड़ित सीटीएस में तैनात बैंड सिपाही है और उसकी बेटी से छेड़खानी करने वाला आरोपी भी सीटीएस में तैनात एक दूसरे हवलदार का बेटा है। पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत के बाद डीआईजी ने जांच सिटी एएसपी पूरन झा से कराई। जिसमें पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपी की पुष्टि भी हो गई। जिसके आधार पर डीआईजी ने थानेदार को सस्पेंड करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश जारी किया है। छेड़खानी और ब्लैकमेल और एसिड अटैक की धमकी का मामला सीटीएस में तैनात बैंड सिपाही ने 19 अक्टूबर 2020 को ललमटिया थाने में आवेदन देकर अपनी 18 साल की पुत्री से छेड़खानी और ब्लैकमेल और एसिड अटैक की धमकी देने से संबंधित आवेदन देकर आरोपी पर कार्रवाई की मांग की। मामले में सीटीएस में तैनात एक दूसरे हवलदार के पुत्र विकास पर आरोप लगाया गया था। थानेदार ने उक्त आवेदन पर केस दर्ज नहीं किया। जब छात्रा के परिजन सीनियर अधिकारियों के पास जाने लगे तो 26 अक्टूबर 2020 को केस दर्ज किया। साथ ही छात्रा के पिता के आवेदन में लिखी तारीख को ओवरराइटिंग कर 19 से 26 बना दिया था। 26 अक्टूबर ही आरोपी विकास की मां से आवेदन लेकर छात्रा के भाई और मां पर मारपीट, गाली-गलौज और चेन छिनतई का काउंटर केस दर्ज कर लिया था। छात्रा के पिता का कहना था कि अक्सर विकास उनकी बेटी को कॉलेज और कोचिंग जाने के दौरान रास्ते में रोक कर छेड़खानी करता है। सोशल मीडिया में फोटो देकर बदनाम करने की धमकी देता है। मोबाइल पर गंदा मैसेज करता और बात करने का दबाव बनाता था। साथ ही 50 हजार रंगदारी मांगता है। पैसे नहीं देने पर बेटी को एसिड से जलाने की भी धमकी देता है। टेक्निकल सेल में तैनात भाई का दिखाता था डर छात्रा के पिता का कहना है कि आरोपी विकास का पिता हवलदार है तो भाई बच्चन कुमार राम सिपाही है, जो एसएसपी आवास में संचालित टेक्निकल सेल में तैनात है। विकास अक्सर धमकी देता था कि केस करने से कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि उसके भाई की पहुंच सीधे एसएसपी के पास है। 14 लाख लूट मामले में भी दारोगा हुए थे सस्पेंड मार्च 2019 में संस्कृत कॉलेज के पास गैस एजेंसी के कर्मी से 14 लाख लूट मामले में भी ओमप्रकाश को तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने सस्पेंड कर दिया था। उस समय ओम प्रकाश विवि थाने के थानेदार थे। उन्होंने वारदात के बाद उसकी जानकारी भी सीनियर अधिकारियों को नहीं दी थी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today पीड़ित के आवेदन में ओवरराइटिंग कर 19 को 26 बनाया गया। (लाल घेरे में)

डीआईजी सुजीत कुमार ने शनिवार को ललमटिया ओपी के थानेदार ओम प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। छात्रा से छेड़खानी, ब्लैकमेल से संबंधित एक मामले में थानेदार ने पीड़ित के आवेदन पर 7 दिन बाद केस दर्ज किया था और आवेदन देने की तारीख को ओवरराइटिंग कर 19 से 26 बना दिया था। यही नहीं, आरोपी पक्ष का भी काउंटर केस दर्ज कर लिया था। कहा जा रहा है कि खुद और आराेपी पक्ष काे सरंक्षण देने के लिए उन्हाेंने कऐसा किया।

पीड़ित सीटीएस में तैनात बैंड सिपाही है और उसकी बेटी से छेड़खानी करने वाला आरोपी भी सीटीएस में तैनात एक दूसरे हवलदार का बेटा है। पीड़िता और उसके परिजनों की शिकायत के बाद डीआईजी ने जांच सिटी एएसपी पूरन झा से कराई। जिसमें पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपी की पुष्टि भी हो गई। जिसके आधार पर डीआईजी ने थानेदार को सस्पेंड करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश जारी किया है।

छेड़खानी और ब्लैकमेल और एसिड अटैक की धमकी का मामला
सीटीएस में तैनात बैंड सिपाही ने 19 अक्टूबर 2020 को ललमटिया थाने में आवेदन देकर अपनी 18 साल की पुत्री से छेड़खानी और ब्लैकमेल और एसिड अटैक की धमकी देने से संबंधित आवेदन देकर आरोपी पर कार्रवाई की मांग की। मामले में सीटीएस में तैनात एक दूसरे हवलदार के पुत्र विकास पर आरोप लगाया गया था। थानेदार ने उक्त आवेदन पर केस दर्ज नहीं किया।

जब छात्रा के परिजन सीनियर अधिकारियों के पास जाने लगे तो 26 अक्टूबर 2020 को केस दर्ज किया। साथ ही छात्रा के पिता के आवेदन में लिखी तारीख को ओवरराइटिंग कर 19 से 26 बना दिया था। 26 अक्टूबर ही आरोपी विकास की मां से आवेदन लेकर छात्रा के भाई और मां पर मारपीट, गाली-गलौज और चेन छिनतई का काउंटर केस दर्ज कर लिया था।

छात्रा के पिता का कहना था कि अक्सर विकास उनकी बेटी को कॉलेज और कोचिंग जाने के दौरान रास्ते में रोक कर छेड़खानी करता है। सोशल मीडिया में फोटो देकर बदनाम करने की धमकी देता है। मोबाइल पर गंदा मैसेज करता और बात करने का दबाव बनाता था। साथ ही 50 हजार रंगदारी मांगता है। पैसे नहीं देने पर बेटी को एसिड से जलाने की भी धमकी देता है।
टेक्निकल सेल में तैनात भाई का दिखाता था डर

छात्रा के पिता का कहना है कि आरोपी विकास का पिता हवलदार है तो भाई बच्चन कुमार राम सिपाही है, जो एसएसपी आवास में संचालित टेक्निकल सेल में तैनात है। विकास अक्सर धमकी देता था कि केस करने से कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि उसके भाई की पहुंच सीधे एसएसपी के पास है।
14 लाख लूट मामले में भी दारोगा हुए थे सस्पेंड

मार्च 2019 में संस्कृत कॉलेज के पास गैस एजेंसी के कर्मी से 14 लाख लूट मामले में भी ओमप्रकाश को तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने सस्पेंड कर दिया था। उस समय ओम प्रकाश विवि थाने के थानेदार थे। उन्होंने वारदात के बाद उसकी जानकारी भी सीनियर अधिकारियों को नहीं दी थी।



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