जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार का काम बिहार के जनमानस में बैठ गया है। यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। विपक्ष ने चुनाव में 10 लाख नौकरी का हवाई वायदा किया था, जबकि हमारे नेता 20 लाख रोजगार देने पर काम कर रहे हैं।
युवाओं के साथ हमारा संवाद होना चाहिए और उसमें ऐसी तमाम बातों की जानकारी नीचे तक जानी चाहिए। हर सप्ताह होने वाली कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों का प्रचार होना चाहिए। हमारे नेता ने हमेशा लोकशाही को मजबूत करने का काम किया है, नौकरशाही को नहीं। वे रविवार को जदयू राज्य कार्यकारिणी एवं राज्य परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस बैठक से दल के साथियों की ओजस्विता, उनकी प्रतिबद्धता और आगे बढ़ने का संकल्प सामने आया है।
हम नए तेवर के साथ पार्टी को खड़ा करेंगे। नीतीश कुमार ने विपरीत परिस्थितियों से लड़ने और बिहार को बदलने का संकल्प लिया था और उसे पूरा करके दिखाया। उनमें वैसा ही संकल्प आज भी है और आगे भी रहेगा। ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा- नीतीश कुमार यह कभी नहीं बोलें कि आप मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते।
सच तो यह है कि जहां आप जाइएगा, वहीं सरकार रहेगी। अगर कोई गणितज्ञ है तो बता दे कि उनके बिना बिहार में कौन सी सरकार बनेगी? आपके मुख्यमंत्री नहीं रहने पर बिहार में फिर वही युग आ जाएगा जो 15 साल पहले था। बैठक में प्रो.रामवचन राय ने राजनीतिक प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन डॉ. नवीन कुमार आर्य ने किया। अनिल कुमार ने संगठन संबंधी प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन चंदन सिंह ने किया।
जदयू कहीं जाने वाला नहीं, मजबूती से एनडीए में रहेगा
बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि हम (जदयू) कहीं जाने वाले नहीं हैं। हम पूरी मजबूती से एनडीए में हैं, रहेंगे। हमारी सीटें जरूर कम हुईं हैं मगर हमारा जनाधार नहीं। हम हतोत्साहित नहीं हैं। आगे और मजबूत होंगे। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.अशोक चौधरी ने कहा कि आगे हम और मजबूत होंगे।
निगाहें उपेंद्र कुशवाहा पर, सवाल- वे अब क्या करेंगे?
जदयू ने उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अपनी आगे की राजनीति बता दी है। हालांकि, इसकी कामयाबी के मोर्चे पर बहुत चुनौतियां भी हैं। उमेश, कुशवाहा समाज के हैं। लव-कुश (कुर्मी-कोइरी) समीकरण, कायदे का नतीजा देता है। दो दिन पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने अति पिछड़े व वंचितों को पार्टी का खास समर्थक बताया था। उमेश का मनोनयन, इस खास दायरे का विस्तार माना जा रहा है। देखने वाली बात होगी कि उमेश के हवाले ‘कुश’, ‘लव’ से कितना जुड़ते हैं?
दरअसल, यहां कुशवाहा समाज के कई क्षत्रप हैं। उपेंद्र कुशवाहा, शकुनी चौधरी/सम्राट चौधरी, भगवान सिंह कुशवाहा, नागमणि, महाबली सिंह …, कोई सर्वमान्य नेता नहीं है। उमेश, उपेंद्र के इलाके के हैं। अब उपेंद्र क्या करेंगे? उनके भी जदयू के साथ आने की बात रही है।
कम सीटें मिलने से दुखी, पर मनोबल में कमी नहीं
जदयू विधानसभा चुनाव में कम सीटें मिलने से दुखी है, पर उसके मनोबल में कमी नहीं है। उसने अपने जनाधार को एकजुट बताया। पार्टी की राज्य कार्यकारिणी व राज्य परिषद में पारित प्रस्ताव में इसका जिक्र है। एक अन्य प्रस्ताव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए नीतीश कुमार की खासी तारीफ है।
एंटी इन्कम्बेंसी था, ताे कैसे मिला एनडीए काे बहुमत
जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा- नीतीश कुमार का कद इतना ऊंचा है कि दुनिया की कोई ताकत उसे छोटा नहीं कर सकती। पूरे चुनाव के दौरान उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। एंटी इन्कम्बेंसी की बात की गई।
अगर एंटी इन्कम्बेंसी थी तो हमारे नेता के नेतृत्व में एनडीए को बहुमत कैसे मिला? बिहार की जनता नीतीश कुमार के साथ है। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि दो दिनों का यह विमर्श पार्टी के लिए बहुत फलदायी और असरकारक होगा। हमारे नेता ने न्याय के साथ विकास किया, लेकिन चुनाव में हमारे विकास के साथ न्याय नहीं हुआ। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी का कहना था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमारी पार्टी फिर पुराना वैभव हासिल करेगी।
देश में आज तक किसी दलित मुख्यमंत्री ने भी दलितों के लिए उतना काम नहीं किया, जितना हमारे नेता ने किया। पार्टी के वरीय नेता संजय झा ने कहा कि जब बिहार के पिछले दो-तीन सौ साल का इतिहास लिखा जाएगा, उसमें नीतीश कुमार का कार्यकाल स्वर्णकाल कहलाएगा।
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