उत्तर बिहार का यह जिला किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसे राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मभूमि कहें या बिहार में कम्युनिस्ट आंदोलन की उर्वर भूमि या आधुनिक बिहार की औद्योगिक नगरी। खाद कारखाना, ऑयल रिफाइनरी और थर्मल पावर स्टेशन की स्थापना हुई। सुधा डेयरी की भी अलग पहचान है। लेकिन वर्तमान का बेगूसराय इतिहास के साथ ही जी रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय सुविधाओं का घोर अभाव है। महिला कॉलेज है, लड़कियां भी हजारों की संख्या में हैं, लेकिन पढ़ाने वाले ही नहीं हैं। दिनकर विश्वविद्यालय की मांग बार-बार उठती है। मेडिकल कॉलेज की बात लोग करते हैं। हां, इंजीनियरिंग कॉलेज भी खुल चुका है, लेकिन बस यह चुनाव के समय तक। बेगूसराय के वीरकुंवर सिंह चौक पर मिले राम खेलावन जी कहते हैं कि इस बार ‘लाल सलाम’ दमखम से लड़ रही है। महागठबंधन की सात सीटों पर वामदलों के चार उम्मीदवार हैं। दो राजद के और एक कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राम खेलावन जी आशान्वित हैं कि वाम दल फिर से यहां मजबूत होगा। जबकि राजग की ओर से जदयू चार और भाजपा तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2015 में सभी सीटों पर महागठबंधन विजयी रहा था। महागठबंधन से जदयू के निकलने के बाद भाजपा और जदयू मिलकर इस बार चुनाव लड़ रही है। जाति के साथ-साथ जमात का समीकरण सभी दल बनाने में जुटे हैं। बेगूसराय यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण का एनडीए से भाजपा प्रत्याशी कुंदन कुमार से होगा। अमिता फिलवक्त विधायक हैं। कुंदन की राह में जदयू के राजेश, राजेंद्र, भाजपा के आशुतोष तथा संजय चुनाव मैदान में उतर कर रोड़ा अटका रहे हैं। बखरी यहां सीपीआई के सूर्यकांत पासवान का सीधा मुकाबला भाजपा के राम शंकर पासवान से होगा। दोनों ही प्रत्याशी की साफ-सुथरी छवि के हैं और लड़ाई को दिलचस्प बनाए हुए है। यह विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र है। मटिहानी यहां त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। एनडीए से जदयू प्रत्याशी तथा पिछले 15 वर्षों से यहां का प्रतिनिधित्व करने वाले नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह का मुकाबला लोजपा के राजकुमार सिंह तथा सीपीएम प्रत्याशी राजेंद्र सिंह से होगा। यहां बोगो व एंटी बोगो की जंग होगी। चेरियाबरियारपुर यहां एनडीए से जदयू उम्मीदवार कुमारी मंजू वर्मा का मुकाबला महागठबंधन के राजद उम्मीदवार राजवंशी महतो से होगा। लोजपा से राखी देवी तथा रालोसपा से सुदर्शन सिंह लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगे हुए हैं। तेघड़ा यहां महागठबंधन से सीपीआई प्रत्याशी राम रतन सिंह का मुकाबला लोजपा के ललन कुमार तथा जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह से होगा। वीरेंद्र यहां के विधायक भी हैं। 2015 में राजद के टिकट पर इन्होंने चुनाव लड़ा था कुछ महीने पहले राजद छोड़ जदयू में शामिल हो गए हैं। बछवाड़ा यहां सीपीआई के अवधेश राय का मुकाबला भाजपा के सुरेंद्र मेहता से होगा। अवधेश कई बार बछवाड़ा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं तो सुरेंद्र इस क्षेत्र के लिए नए हैं। इससे पहले 2010 में बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से सुरेंद्र मेहता ने जीत दर्ज की थी। साहेबपुरकमाल यहां महागठबंधन से राजद प्रत्याशी ललन यादव उर्फ सतानंद सबुद्ध व एनडीए से जदयू उम्मीदवार शशि कुमार शशि के बीच कांटे का मुकाबला होगा। लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लोजपा के सुरेंद्र विवेक लगे हुए हैं। सुरेंद्र विवेक पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 18 हजार से अधिक मत लाए थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भागलपुर में लंबे समय बाद भाजपा के सामने कम्यूनिस्ट पार्टी की चुनौती है। - VTM Breaking News

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उत्तर बिहार का यह जिला किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसे राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मभूमि कहें या बिहार में कम्युनिस्ट आंदोलन की उर्वर भूमि या आधुनिक बिहार की औद्योगिक नगरी। खाद कारखाना, ऑयल रिफाइनरी और थर्मल पावर स्टेशन की स्थापना हुई। सुधा डेयरी की भी अलग पहचान है। लेकिन वर्तमान का बेगूसराय इतिहास के साथ ही जी रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय सुविधाओं का घोर अभाव है। महिला कॉलेज है, लड़कियां भी हजारों की संख्या में हैं, लेकिन पढ़ाने वाले ही नहीं हैं। दिनकर विश्वविद्यालय की मांग बार-बार उठती है। मेडिकल कॉलेज की बात लोग करते हैं। हां, इंजीनियरिंग कॉलेज भी खुल चुका है, लेकिन बस यह चुनाव के समय तक। बेगूसराय के वीरकुंवर सिंह चौक पर मिले राम खेलावन जी कहते हैं कि इस बार ‘लाल सलाम’ दमखम से लड़ रही है। महागठबंधन की सात सीटों पर वामदलों के चार उम्मीदवार हैं। दो राजद के और एक कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राम खेलावन जी आशान्वित हैं कि वाम दल फिर से यहां मजबूत होगा। जबकि राजग की ओर से जदयू चार और भाजपा तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2015 में सभी सीटों पर महागठबंधन विजयी रहा था। महागठबंधन से जदयू के निकलने के बाद भाजपा और जदयू मिलकर इस बार चुनाव लड़ रही है। जाति के साथ-साथ जमात का समीकरण सभी दल बनाने में जुटे हैं। बेगूसराय यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण का एनडीए से भाजपा प्रत्याशी कुंदन कुमार से होगा। अमिता फिलवक्त विधायक हैं। कुंदन की राह में जदयू के राजेश, राजेंद्र, भाजपा के आशुतोष तथा संजय चुनाव मैदान में उतर कर रोड़ा अटका रहे हैं। बखरी यहां सीपीआई के सूर्यकांत पासवान का सीधा मुकाबला भाजपा के राम शंकर पासवान से होगा। दोनों ही प्रत्याशी की साफ-सुथरी छवि के हैं और लड़ाई को दिलचस्प बनाए हुए है। यह विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र है। मटिहानी यहां त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। एनडीए से जदयू प्रत्याशी तथा पिछले 15 वर्षों से यहां का प्रतिनिधित्व करने वाले नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह का मुकाबला लोजपा के राजकुमार सिंह तथा सीपीएम प्रत्याशी राजेंद्र सिंह से होगा। यहां बोगो व एंटी बोगो की जंग होगी। चेरियाबरियारपुर यहां एनडीए से जदयू उम्मीदवार कुमारी मंजू वर्मा का मुकाबला महागठबंधन के राजद उम्मीदवार राजवंशी महतो से होगा। लोजपा से राखी देवी तथा रालोसपा से सुदर्शन सिंह लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगे हुए हैं। तेघड़ा यहां महागठबंधन से सीपीआई प्रत्याशी राम रतन सिंह का मुकाबला लोजपा के ललन कुमार तथा जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह से होगा। वीरेंद्र यहां के विधायक भी हैं। 2015 में राजद के टिकट पर इन्होंने चुनाव लड़ा था कुछ महीने पहले राजद छोड़ जदयू में शामिल हो गए हैं। बछवाड़ा यहां सीपीआई के अवधेश राय का मुकाबला भाजपा के सुरेंद्र मेहता से होगा। अवधेश कई बार बछवाड़ा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं तो सुरेंद्र इस क्षेत्र के लिए नए हैं। इससे पहले 2010 में बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से सुरेंद्र मेहता ने जीत दर्ज की थी। साहेबपुरकमाल यहां महागठबंधन से राजद प्रत्याशी ललन यादव उर्फ सतानंद सबुद्ध व एनडीए से जदयू उम्मीदवार शशि कुमार शशि के बीच कांटे का मुकाबला होगा। लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लोजपा के सुरेंद्र विवेक लगे हुए हैं। सुरेंद्र विवेक पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 18 हजार से अधिक मत लाए थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भागलपुर में लंबे समय बाद भाजपा के सामने कम्यूनिस्ट पार्टी की चुनौती है।

उत्तर बिहार का यह जिला किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसे राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मभूमि कहें या बिहार में कम्युनिस्ट आंदोलन की उर्वर भूमि या आधुनिक बिहार की औद्योगिक नगरी। खाद कारखाना, ऑयल रिफाइनरी और थर्मल पावर स्टेशन की स्थापना हुई। सुधा डेयरी की भी अलग पहचान है। लेकिन वर्तमान का बेगूसराय इतिहास के साथ ही जी रहा है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय सुविधाओं का घोर अभाव है। महिला कॉलेज है, लड़कियां भी हजारों की संख्या में हैं, लेकिन पढ़ाने वाले ही नहीं हैं। दिनकर विश्वविद्यालय की मांग बार-बार उठती है। मेडिकल कॉलेज की बात लोग करते हैं। हां, इंजीनियरिंग कॉलेज भी खुल चुका है, लेकिन बस यह चुनाव के समय तक। बेगूसराय के वीरकुंवर सिंह चौक पर मिले राम खेलावन जी कहते हैं कि इस बार ‘लाल सलाम’ दमखम से लड़ रही है। महागठबंधन की सात सीटों पर वामदलों के चार उम्मीदवार हैं। दो राजद के और एक कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राम खेलावन जी आशान्वित हैं कि वाम दल फिर से यहां मजबूत होगा।

जबकि राजग की ओर से जदयू चार और भाजपा तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2015 में सभी सीटों पर महागठबंधन विजयी रहा था। महागठबंधन से जदयू के निकलने के बाद भाजपा और जदयू मिलकर इस बार चुनाव लड़ रही है। जाति के साथ-साथ जमात का समीकरण सभी दल बनाने में जुटे हैं।

बेगूसराय
यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण का एनडीए से भाजपा प्रत्याशी कुंदन कुमार से होगा। अमिता फिलवक्त विधायक हैं। कुंदन की राह में जदयू के राजेश, राजेंद्र, भाजपा के आशुतोष तथा संजय चुनाव मैदान में उतर कर रोड़ा अटका रहे हैं।

बखरी
यहां सीपीआई के सूर्यकांत पासवान का सीधा मुकाबला भाजपा के राम शंकर पासवान से होगा। दोनों ही प्रत्याशी की साफ-सुथरी छवि के हैं और लड़ाई को दिलचस्प बनाए हुए है। यह विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र है।

मटिहानी
यहां त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। एनडीए से जदयू प्रत्याशी तथा पिछले 15 वर्षों से यहां का प्रतिनिधित्व करने वाले नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह का मुकाबला लोजपा के राजकुमार सिंह तथा सीपीएम प्रत्याशी राजेंद्र सिंह से होगा। यहां बोगो व एंटी बोगो की जंग होगी।

चेरियाबरियारपुर
यहां एनडीए से जदयू उम्मीदवार कुमारी मंजू वर्मा का मुकाबला महागठबंधन के राजद उम्मीदवार राजवंशी महतो से होगा। लोजपा से राखी देवी तथा रालोसपा से सुदर्शन सिंह लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगे हुए हैं।

तेघड़ा
यहां महागठबंधन से सीपीआई प्रत्याशी राम रतन सिंह का मुकाबला लोजपा के ललन कुमार तथा जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह से होगा। वीरेंद्र यहां के विधायक भी हैं। 2015 में राजद के टिकट पर इन्होंने चुनाव लड़ा था कुछ महीने पहले राजद छोड़ जदयू में शामिल हो गए हैं।

बछवाड़ा
यहां सीपीआई के अवधेश राय का मुकाबला भाजपा के सुरेंद्र मेहता से होगा। अवधेश कई बार बछवाड़ा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं तो सुरेंद्र इस क्षेत्र के लिए नए हैं। इससे पहले 2010 में बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से सुरेंद्र मेहता ने जीत दर्ज की थी।

साहेबपुरकमाल
यहां महागठबंधन से राजद प्रत्याशी ललन यादव उर्फ सतानंद सबुद्ध व एनडीए से जदयू उम्मीदवार शशि कुमार शशि के बीच कांटे का मुकाबला होगा। लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लोजपा के सुरेंद्र विवेक लगे हुए हैं। सुरेंद्र विवेक पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 18 हजार से अधिक मत लाए थे।



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