चुनाव घोषणा से एक दिन पहले चिराग पासवान द्वारा नड्डा को लिखा गया पत्र गुरुवार को सार्वजनिक हो गया। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति लोजपा की नाराजगी का जिक्र किया है। जबकि पीएम मोदी और भाजपा की तारीफ की है। लोजपा के नेताओं में भी मुख्यमंत्री के व्यवहार,कार्यशैली व बिहार में फैल रहे अफसरशाही की वजह से आक्रोश का जिक्र किया गया है।
साथ ही राज्य सभा चुनाव के दौरान पार्टी के संस्थापक और नेता रामविलास पासवान प्रति मुख्यमंत्री द्वारा किया गया व्यवहार के बारे में भी लिखा है।चिराग ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री ने रामविलास पासवान का अपमान किया। लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे में मुख्यमंत्री ने उपस्थित में लोजपा को एक राज्य सभा सीट देने की घोषणा की गई थी।
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन देने से मना कर दिया। हमारे नेता के प्रति उनका व्यवहार उचित नहीं था। मुख्यमंत्री उनके नामांकन के समय नहीं पहुंचे, बाद में विधानसभा आए। इस वजह पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में आक्रोश था।लेकिन मेरी पार्टी ने मुख्यमंत्री के प्रति कभी व्यक्तिगत कुछ नहीं कहा।
जदयू नेताओं द्वारा मुझे कालिदास व दलाल कहना, मेरे पार्टी कार्यकर्ताओं को आक्रोशित करता है,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूर्ण संपूर्ण व विश्वास है,इसके बावजूद भी एनडीए के पार्टनर नेताओं द्वारा ऐसी बात कही जाएगी तो यह लोजपा-भाजपा रिश्तों में दरार लाने का काम करेंगे।
उन्हें तो रामविलास जी की बीमारी के बारे में पता नहीं
चिराग ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रेस कांफ्रेंस में जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से रामविलास जी के बीमार होने के बारे पूछा तो,उन्होंने कहा कि उनको उनके बीमारी के बारे में जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री इतने व्यस्त होने के बाद भी फोन करके मेरे नेता और पिता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते रहे। गृहमंत्री अमित शाह ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई नेताओं ने फोन पर उनके कुशल-क्षेम की जानकारी ली।
अभी भी महागठबंधन के एजेंडे पर ही काम कर रही है बिहार की एनडीए सरकार
चिराग पासवान ने पत्र में लिखा बिहार की मौजूदा एनडीए सरकार महागठबंधन के एजेंडे पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री की ड्रीम योजना सात निश्चय 2015 में जदयू-राजद-कांग्रेस ने मिलकर बनाया था। मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन मे बिहार के लोगों को बिहार नहीं लाए जाने के निर्णय पर भी सवाल उठाया।
15 साल से सत्ता में होने के बाद बाढ़ से मुक्ति के बारे में ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कोरोना में उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है। लोजपा ने कोरोना काल में चुनाव नहीं करवाने के पक्ष में थी। पार्टी का मानना था चुनाव से पहले कोरोना से लड़ना जरूरी है।
आपके परिवार का कोई होता तो मंत्री बना देते
लोजपा को सरकार में स्थान नहीं मिलने की कसक भी दिखा। उन्होंने लिखा मैने सीएम से सरकार में लोजपा प्रतिनिधि शामिल करने की मांग की थी। उन्होंने कहा क्यों ठाकुर व ब्राह्मण के लिए मंत्री पद मांग रहे हैं।
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