पलासी प्रखंड में बड़े पैमाने पर धान की फसल को अज्ञात कीटों ने नुकसान पहुंचाया है। इस बात को लेकर किसानों के बीच मायूसी छाई हुई है। दरअसल प्रखंड के नकटाखुर्द पंचायत के दर्जनों गांव की फसल को अज्ञात कीटों ने नुकसान पहुंचाया है। कीटों का प्रकोप इस तरह फैल रहा कि जिन खेतों में फसल सही है उनपर भी असर दिखने लगा है। पूर्व समिति निरंजन कुमार पासवान ने बताया कि कुछ महीने पहले इस क्षेत्र में बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ था।
किसान अभी संभल भी नहीं पाए थे कि धान की फसल में कीटों ने भारी नुकसान पहुंचा कर कमर तोड़ दी है। उन्होंने बताया कि खेतों में धान की फसल में अभी तक बाली आई भी नहीं थी कि कीड़ों ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि पहले काला रंग का कीड़ा लगता है जो धान की पत्तियों को खाना शुरू करता है। फिर पत्तियों को अंदर से सफेद कीड़ा पूरी तरह से चट कर जाता है।
किसान दवा विक्रेताओं से जानकारी लेकर छिड़काव भी किये। लेकिन फिर से कीटों का प्रकोप होने लगता है। इन कीटों के प्रकोप से फसल सूखता जा रहा जो किसानों के सामने बड़ी समस्या उत्पन करती जा रही है। किसान राजेन्द्र यादव ने बताया की मेरी उम्र 70 वर्ष हो गई है। प्रत्येक एकड़ में 10 से 12 हजार का नुकसान होता है। लेकिन आजतक इस तरह से कीटों का प्रकोप नहीं देखा था। इन कीटों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। उनके सामने आत्महत्या के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
इन गांवों के सैकड़ों किसान हैं प्रभावित
जानकारी अनुसार नकटा कला, नकटा खुर्द, पथलाबारी, सोनाकन्दर, कठोरा, बिहारी, नरंगा, बुआलदांती, कलाही आदि गांव के सैकड़ों किसानों का सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी हुई धान की फसल बर्बाद हो गई है। ये है प्रभावित किसन : पप्पू यादव, राजेन्द्र यादव, पिरती लाल यादव, शंकर यादव, अशोक यादव, दिलीप यादव, राजेन्द्र दास, राहुल यादव, प्रदीप यादव, निरंजन पासवान, रघु यादव, नवीन पासवान, प्रकाश यादव, बाबूलाल पासवान, बटेश्वर यादव आदि दर्जनों किसान शामिल हैं।
वरीय अधिकारियों को सूचना दी गई है
कीड़े के प्रकोप से बर्बाद धान की फसल की जानकारी मिली है। मेरे द्वारा इसकी सूचना अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को दी गई है। अभी व्यस्तता है 5 सितंबर के बाद मैं भी प्रभावित गांव व पंचायत जाकर स्थिति की जानकारी लूंगा।
राजेंद्र चौधरी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी
फसल नहीं होने से परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत
कर्ज लेकर तीन एकड़ जमीन में धान का फसल लगाया परंतु कीड़े के प्रकोप से सब कुछ बर्बाद हो गया। फसल नहीं होने से परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ जायेगी।
निरंजन पासवान, किसान
भूखों मरने से अच्छा है परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगे
धान की फसल बर्बाद होने से आत्महत्या करने के अलावे अन्य कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। भूखों मरने से अच्छा है कि परिवार सहित आत्महत्या कर लेंगे।
राजेंद्र यादव, किसान
किसानों को कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित कीटनाशक की जानकारी दी जा रही है
कीड़े के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित कीटनाशक दवाओं की जानकारी मेरे द्वारा किसानों को दी गई है तथा कीड़े के प्रकोप से धान की बर्बादी की सूचना प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेंद्र चौधरी को दी गई है।
गुरु दयाल, नकटा खुर्द पंचायत के कृषि सलाहकार
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