फर्जी एक्सचेंज चलाने के आरोप में गिरफ्तार बंगाल के राजीव बनिक और बोकारो के अदनान शामी को पूछताछ के बाद शनिवार को जेल भेज दिया। मामले की जांच चल ही रही है। पुलिस इसके आतंकी, माओवादी, अंडरवर्ल्ड के कनेक्शन को भी तलाश रही है। हवाला कारोबारी से भी ऐसे एक्सचेंज चलाने वालों के संबंध होते हैं। इस तरफ भी पुलिस की जांच जारी है। पूर्व में कई आतंकी घटनाओं की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि आतंकियों ने फर्जी एक्सचेंज के माध्यम से फोन किया था।
छोटा राजन और रवि पुजारी जैसे गैंगस्टर भी फिरौती मांगने के लिए ऐसे ही फर्जी एक्सचेंज का सहारा लेता था। बताया गया कि मामले की पूरी जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसी को भी दी जाएगी। साथ ही मिलिट्री इंटेलीजेंस को भी इस छापेमारी और गिरफ्तारी की जानकारी है और वह अपने स्तर से छानबीन कर रही है। आईजी सेंट्रल रेंज संजय सिंह ने कहा कि हमलोग हर बिंदु पर जांच कर रहे हैं। यह पता किया जा रहा है कि इस एक्सचेंज का इस्तेमाल किस स्तर तक किया गया है।
गाजियाबाद से ऑपरेट किया जाता है पूरा सिस्टम
शातिर दिल्ली और गाजियाबाद में बैठा हुआ है। गिरफ्त में आए दोनों शातिरों ने कहा कि वे सिर्फ नौकरी कर रहे हैं। उन्हें सिस्टम की देखरेख करने को रखा गया है। गाजियाबाद से जैसा कमांड मिलता है वैसा ये लोग करते हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका मुख्य ऑफिस गाजियाबाद में है जहां से रितेश ऑपरेट करता है।
सिखाया था-पुलिस आए तो इंटरनेट काट देना है
मामले में अदनान और राजीव बनिक गिरफ्तार है। दोनों के अलावा गाजियाबाद के रितेश, दिल्ली का विकास और देहरादून के अनुराग पर एफआईआर की गई है। आईपीसी की धाराओं के अलावा इन लोगों पर इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की धारा 4, 20 और 25 की तहत मामला दर्ज किया गया है। अदनान और राजीव को पूरी ट्रेनिंग देकर पटना भेजा गया था। बताया कि cantos 0.7 और putty सॉफ्टवेयर ही डेटा कॉल को वॉयस कॉल में बदलता है।
इसके बाद पीआरआई से उसे कनेक्ट कर देते हैं जिससे रिसीवर के नंबर पर लोकल नंबर से फोन चला जाता है। पुलिस जैसे ही इन लोगों के कमरे में पहुंची सबसे पहले दोनों ने सिस्टम बंद कर दिया। इंटरनेट का तार खींच लिया जिससे पुलिस को तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी। अदनान ने पुलिस से कहा कि उसे सिखाया गया था कि जब भी पुलिस आए तो सबसे पहले इंटरनेट काट देना है और सिस्टम बंद कर देना है।
विदेशी सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ा था पूरा सिस्टम
जांच में यह बात साबित हो चुकी है कि फर्जी एक्सचेंज का पूरा सिस्टम विदेशी सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ा हुआ था। अदनान ने इस बात का भी खुलासा किया कि ज्यादातर फोन गल्फ देशों और पाकिस्तान से आते थे। इस जानकारी के बाद जांच टीम और चौकन्ना हो गई है। अभी मई महीने में ही मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने ऐसे ही फर्जी एक्सचेंज का भांडाफोड़ किया था। उक्त एक्सचेंज से सेना के अधिकारी को फोन कर पहचान छिपाते हुए खुफिया जानकारी मांगी गई थी।
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