प्रतिभा उम्र का इंतेजार नहीं करती। कुछ ऐसा ही साबित कर रहा है महज 8 साल की उम्र का रूद्र प्रताप सिंह। इस नन्हे चैम्पियन का करतब देख हर कोई हैरान रह जाता है। रूद्र प्रताप सिंह की प्रतिभा इसी से झलकती है, कि आठ साल की आयु में वह योग के एक सौ आसनों में महारथ हासिल कर चुका है। वहीं स्केटिंग में भी उसका प्रदर्शन हैरान करने वाला है। इतनी कम उम्र में ही इसने कई मेडल जीत लिए। स्केटिंग के शुरूआती गुर इसने एशिया के चैम्पियन निकलेश ठवानी से ली थी। सात दिन का प्रशिक्षण 2019 में मिला तो इसके बाद रूद्र के कदम रूके नहीं। इसके बाद उसके पिता ही गुरू बन गए। स्केटिंग और योग में अपने पुत्र को महारथ करना शुरू कर दिया और काफी हद तक सफल भी हो चुके हैं। पिता राकेश सिंह गया शहर में नाजरथ एकेडमी में आर्ट के टीचर हैं। फिलहाल बोधगया के राजापुर में सपरिवार रहते हैं। मूल रूप से जहानाबाद जिला के मखदुमपुर के खरका गांव के रहने वाले राकेश सिंह ने अपने लिए बचे आराम के समय को पुत्र की प्रतिभा को पिरोने में लगा दिया। इसका परिणाम है कि रूद्र की प्रतिभा अब परिणाम देने लगी है। छोटी सी उम्र पर उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी बड़ी रुद्र स्केटिंग में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। उसकी छोटी सी उम्र में उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी हो चुकी है। साल 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित सीबीएसई जोनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उसने दोबारा मुड़कर पीछे नहीं देखा। अब यह खिलाड़ी खेल मेलों का शान ा है। योगा के एक सौ आसनों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला रुद्र पटना में 2017 में होने वाले स्टेट लेवल स्केटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुका है। 2019 में मगध रत्न अवार्ड में से भी नवाजा गया। स्केटिंग के लिए स्टेमिना जरूरी व उसके लिए योग 8 साल के रुद्र प्रताप सिंह ने कम समय में योग के उन आसनों में महारत हासिल कर ली, जिन्हे बड़े-बड़े करने में अटक जाते हैं। उसके शरीर की हरकत रबर की तरह होती है। इसे योगासन करता देख हर कोई अचंभित हो जाता है। रूद्र कहता है कि स्केटिंग में स्टेमिना बहुत जरूरी होता है और स्टेमिना के लिए योगा बहुत जरूरी है। बताता है कि एडवांस और बिजनेस दोनों तरह का योगा कर लेता हूं। करीब एक सौ से ज्यादा योगा कर लेने की बात वह बताता है। दूसरी क्लास का छात्र है, पिता बोले-आधी कमाई बेटे को समर्पित आर्ट टीचर राकेश कुमार बताते हैं, कि रुद्र डीएवी में दूसरी कक्षा का छात्र है। बताते हैं, कि बेटे को सफल बनाने के लिए आधी कमाई उसपर ही खर्च करता हूं। बताते हैं कि जून 2020 में योगा चैलेंज में भाग लिया था, जिसमें रुद्र प्रथम स्थान प्राप्त किया और अभी हाल ही में 20 दिसंबर 2020 को रांची झारखंड में आयोजित योगा चैंपियनशिप में भी दूसरा स्थान प्राप्त किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 8 year old Rudra mastered in 100 rugs of yoga - VTM Breaking News

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Monday, January 11, 2021

प्रतिभा उम्र का इंतेजार नहीं करती। कुछ ऐसा ही साबित कर रहा है महज 8 साल की उम्र का रूद्र प्रताप सिंह। इस नन्हे चैम्पियन का करतब देख हर कोई हैरान रह जाता है। रूद्र प्रताप सिंह की प्रतिभा इसी से झलकती है, कि आठ साल की आयु में वह योग के एक सौ आसनों में महारथ हासिल कर चुका है। वहीं स्केटिंग में भी उसका प्रदर्शन हैरान करने वाला है। इतनी कम उम्र में ही इसने कई मेडल जीत लिए। स्केटिंग के शुरूआती गुर इसने एशिया के चैम्पियन निकलेश ठवानी से ली थी। सात दिन का प्रशिक्षण 2019 में मिला तो इसके बाद रूद्र के कदम रूके नहीं। इसके बाद उसके पिता ही गुरू बन गए। स्केटिंग और योग में अपने पुत्र को महारथ करना शुरू कर दिया और काफी हद तक सफल भी हो चुके हैं। पिता राकेश सिंह गया शहर में नाजरथ एकेडमी में आर्ट के टीचर हैं। फिलहाल बोधगया के राजापुर में सपरिवार रहते हैं। मूल रूप से जहानाबाद जिला के मखदुमपुर के खरका गांव के रहने वाले राकेश सिंह ने अपने लिए बचे आराम के समय को पुत्र की प्रतिभा को पिरोने में लगा दिया। इसका परिणाम है कि रूद्र की प्रतिभा अब परिणाम देने लगी है। छोटी सी उम्र पर उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी बड़ी रुद्र स्केटिंग में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। उसकी छोटी सी उम्र में उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी हो चुकी है। साल 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित सीबीएसई जोनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उसने दोबारा मुड़कर पीछे नहीं देखा। अब यह खिलाड़ी खेल मेलों का शान ा है। योगा के एक सौ आसनों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला रुद्र पटना में 2017 में होने वाले स्टेट लेवल स्केटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुका है। 2019 में मगध रत्न अवार्ड में से भी नवाजा गया। स्केटिंग के लिए स्टेमिना जरूरी व उसके लिए योग 8 साल के रुद्र प्रताप सिंह ने कम समय में योग के उन आसनों में महारत हासिल कर ली, जिन्हे बड़े-बड़े करने में अटक जाते हैं। उसके शरीर की हरकत रबर की तरह होती है। इसे योगासन करता देख हर कोई अचंभित हो जाता है। रूद्र कहता है कि स्केटिंग में स्टेमिना बहुत जरूरी होता है और स्टेमिना के लिए योगा बहुत जरूरी है। बताता है कि एडवांस और बिजनेस दोनों तरह का योगा कर लेता हूं। करीब एक सौ से ज्यादा योगा कर लेने की बात वह बताता है। दूसरी क्लास का छात्र है, पिता बोले-आधी कमाई बेटे को समर्पित आर्ट टीचर राकेश कुमार बताते हैं, कि रुद्र डीएवी में दूसरी कक्षा का छात्र है। बताते हैं, कि बेटे को सफल बनाने के लिए आधी कमाई उसपर ही खर्च करता हूं। बताते हैं कि जून 2020 में योगा चैलेंज में भाग लिया था, जिसमें रुद्र प्रथम स्थान प्राप्त किया और अभी हाल ही में 20 दिसंबर 2020 को रांची झारखंड में आयोजित योगा चैंपियनशिप में भी दूसरा स्थान प्राप्त किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 8 year old Rudra mastered in 100 rugs of yoga

प्रतिभा उम्र का इंतेजार नहीं करती। कुछ ऐसा ही साबित कर रहा है महज 8 साल की उम्र का रूद्र प्रताप सिंह। इस नन्हे चैम्पियन का करतब देख हर कोई हैरान रह जाता है। रूद्र प्रताप सिंह की प्रतिभा इसी से झलकती है, कि आठ साल की आयु में वह योग के एक सौ आसनों में महारथ हासिल कर चुका है।

वहीं स्केटिंग में भी उसका प्रदर्शन हैरान करने वाला है। इतनी कम उम्र में ही इसने कई मेडल जीत लिए। स्केटिंग के शुरूआती गुर इसने एशिया के चैम्पियन निकलेश ठवानी से ली थी। सात दिन का प्रशिक्षण 2019 में मिला तो इसके बाद रूद्र के कदम रूके नहीं। इसके बाद उसके पिता ही गुरू बन गए।

स्केटिंग और योग में अपने पुत्र को महारथ करना शुरू कर दिया और काफी हद तक सफल भी हो चुके हैं। पिता राकेश सिंह गया शहर में नाजरथ एकेडमी में आर्ट के टीचर हैं। फिलहाल बोधगया के राजापुर में सपरिवार रहते हैं। मूल रूप से जहानाबाद जिला के मखदुमपुर के खरका गांव के रहने वाले राकेश सिंह ने अपने लिए बचे आराम के समय को पुत्र की प्रतिभा को पिरोने में लगा दिया। इसका परिणाम है कि रूद्र की प्रतिभा अब परिणाम देने लगी है।

छोटी सी उम्र पर उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी बड़ी
रुद्र स्केटिंग में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। उसकी छोटी सी उम्र में उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी हो चुकी है। साल 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित सीबीएसई जोनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उसने दोबारा मुड़कर पीछे नहीं देखा। अब यह खिलाड़ी खेल मेलों का शान ा है। योगा के एक सौ आसनों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला रुद्र पटना में 2017 में होने वाले स्टेट लेवल स्केटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुका है। 2019 में मगध रत्न अवार्ड में से भी नवाजा गया।

स्केटिंग के लिए स्टेमिना जरूरी व उसके लिए योग
8 साल के रुद्र प्रताप सिंह ने कम समय में योग के उन आसनों में महारत हासिल कर ली, जिन्हे बड़े-बड़े करने में अटक जाते हैं। उसके शरीर की हरकत रबर की तरह होती है। इसे योगासन करता देख हर कोई अचंभित हो जाता है। रूद्र कहता है कि स्केटिंग में स्टेमिना बहुत जरूरी होता है और स्टेमिना के लिए योगा बहुत जरूरी है। बताता है कि एडवांस और बिजनेस दोनों तरह का योगा कर लेता हूं। करीब एक सौ से ज्यादा योगा कर लेने की बात वह बताता है।

दूसरी क्लास का छात्र है, पिता बोले-आधी कमाई बेटे को समर्पित
आर्ट टीचर राकेश कुमार बताते हैं, कि रुद्र डीएवी में दूसरी कक्षा का छात्र है। बताते हैं, कि बेटे को सफल बनाने के लिए आधी कमाई उसपर ही खर्च करता हूं। बताते हैं कि जून 2020 में योगा चैलेंज में भाग लिया था, जिसमें रुद्र प्रथम स्थान प्राप्त किया और अभी हाल ही में 20 दिसंबर 2020 को रांची झारखंड में आयोजित योगा चैंपियनशिप में भी दूसरा स्थान प्राप्त किया।



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