जिले के सरकारी वकीलों ने न्याय दिलाने में बड़ी सफलता हासिल की है। कोरोनाकाल में करीब दो दर्जन मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाया। भागलपुर कोर्ट से जिस रफ्तार में न्याय मिल रहा है, इससे वह मिथक टूट रहा है कि बिना वकील रखे, कोर्ट-कचहरी की दौड़ लगाने और खर्च नहीं करने पर न्याय नहीं मिलता। कुछ मामलों को छोड़ दें तो फैसला अभियोजन के पक्ष में ही आता है। पॉक्सो कोर्ट की रेटिंग अभी सबसे ऊपर है। 2020 में दो दर्जन से ज्यादा मामलों में सजा दिलाई गई है। पाॅक्साे काेर्ट के स्पेशल लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल को पुलिस विभाग ने बेहतर अभियोजन कार्याें के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया है। पूर्व एसएसपी आशीष भारती द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि 2020 में उन्होंने पॉक्सो मामले में छह आरोपियों को मुजरिम करार देते हुए आजीवन की सजा दिलवाई। इससे पहले भी पॉक्सो कोर्ट में सरकार की ओर से सही तरीके से पक्ष रखने पर उन्हें पुरस्कार दिया गया था। प्रमुख केस, जिनमें अभियोजन ने कड़ी सजा दिलाई, गैंगरेप, दहेज और ट्रिपल मर्डर जैसे मामलों में मिला न्याय सबाैर- गैंगरेप में उम्रकैद: सबौर की इंटर छात्रा ने गैंगरेप के बाद सदमे में आकर सुसाइड कर लिया था। कई तरह की बातों से तंग आकर पीड़िता का परिवार गांव छोड़कर चला गया। पुलिस जांच ढीली पड़ती गई, लेकिन पॉक्सो कोर्ट में सरकारी वकील ने केस को जजमेंट तक पहुंचाया। पॉक्सो कोर्ट से दोनों दुष्कर्मियों को उम्रकैद की सजा दिलाई। एकचारी- दहेज प्रकरण में भी उम्रकैद: एकचारी गांव में दहेज में एक लाख रुपए न लाने पर अमरी विशनपुर की किरण कुमारी की हत्या के बाद ससुराल वालों ने लाश गायब कर दी थी। पुलिस ने अनमने तरीके से जांच की। काफी अधूरे सबूत सेशन कोर्ट में पेश किए, लेकिन जिरह के दौरान सरकारी वकील ने ससुराल वाले से हकीकत निकलवाई। डिस्ट्रिक्ट जज से पति, सास व ससुर को उम्रकैद की सजा दिलाई। झंडापुर- ट्रिपल मर्डर में मौत तक कैद: झंडापुर में एक ही परिवार के तीन लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी। पहले केस एससीएसटी कोर्ट में चला लेकिन चश्मदीद कोमा से बाहर आई नाबालिग बेटी के 164 के बयान के बाद केस पॉक्सो कोर्ट में आ गया। यहां काफी सबूतों से छेड़छाड़ हुई, लेकिन सरकारी वकीलों की मुस्तैदी ने इस केस में पॉक्सो कोर्ट से 4 आरोपियों को मौत तक उम्रकैद की सजा दिलाई। सबौर- बच्ची से रेप में फांसी: सबौर के मुन्ना पांडेय ने अपने घर में टीवी देखने आई पड़ोसी बच्ची से रेप कर हत्या कर दी थी। एक नाबालिग रिश्तेदार के सहयोग से लाश छिपा दी। सरकारी वकील ने एडीजे-1 कोर्ट से तमाम सबूतों को आधार बता यह साबित कर दिया कि यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस है। मुन्ना को फांसी की सजा दिलाई गई। वारसलीगंज- एकतरफा प्रेम में हत्या, मिली फांसी: वारसलीगंज में एकतरफा प्रेम में स्कूली छात्रा रेशम की दर्जनों बार चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। आरोपी अभिषेक ने भी सुसाइड की नीयत से चाकू घोंप ली। हालांकि वह बच गया। पुलिस के जुटाए सबूत कमजोर थे। फिर भी सरकारी वकील ने तमाम सबूतों को आधार बनाकर हत्यारे अभिषेक को फांसी की सजा दिलाई। गवाही और रिपाेर्ट के आधार पर मेहनत से मिली सफलता एफआईआर और कोर्ट में दिए बयान में अंतर काे दूर कर और आईओ-मेडिकल अफसर की गवाही दिलाकर सेशन काेर्ट से जल्द सजा दिलाई गई। -सत्यनारायण प्रसाद साह, पीपी पॉक्सो कोर्ट में मेडिकल के अलावा, एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सजा दिलाई गई। -शंकर जयकिशन मंडल, स्पेशल पीपी, पाॅक्साे Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Government lawyers administered justice to two dozen victims even in the coronary - VTM Breaking News

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Sunday, January 10, 2021

जिले के सरकारी वकीलों ने न्याय दिलाने में बड़ी सफलता हासिल की है। कोरोनाकाल में करीब दो दर्जन मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाया। भागलपुर कोर्ट से जिस रफ्तार में न्याय मिल रहा है, इससे वह मिथक टूट रहा है कि बिना वकील रखे, कोर्ट-कचहरी की दौड़ लगाने और खर्च नहीं करने पर न्याय नहीं मिलता। कुछ मामलों को छोड़ दें तो फैसला अभियोजन के पक्ष में ही आता है। पॉक्सो कोर्ट की रेटिंग अभी सबसे ऊपर है। 2020 में दो दर्जन से ज्यादा मामलों में सजा दिलाई गई है। पाॅक्साे काेर्ट के स्पेशल लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल को पुलिस विभाग ने बेहतर अभियोजन कार्याें के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया है। पूर्व एसएसपी आशीष भारती द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि 2020 में उन्होंने पॉक्सो मामले में छह आरोपियों को मुजरिम करार देते हुए आजीवन की सजा दिलवाई। इससे पहले भी पॉक्सो कोर्ट में सरकार की ओर से सही तरीके से पक्ष रखने पर उन्हें पुरस्कार दिया गया था। प्रमुख केस, जिनमें अभियोजन ने कड़ी सजा दिलाई, गैंगरेप, दहेज और ट्रिपल मर्डर जैसे मामलों में मिला न्याय सबाैर- गैंगरेप में उम्रकैद: सबौर की इंटर छात्रा ने गैंगरेप के बाद सदमे में आकर सुसाइड कर लिया था। कई तरह की बातों से तंग आकर पीड़िता का परिवार गांव छोड़कर चला गया। पुलिस जांच ढीली पड़ती गई, लेकिन पॉक्सो कोर्ट में सरकारी वकील ने केस को जजमेंट तक पहुंचाया। पॉक्सो कोर्ट से दोनों दुष्कर्मियों को उम्रकैद की सजा दिलाई। एकचारी- दहेज प्रकरण में भी उम्रकैद: एकचारी गांव में दहेज में एक लाख रुपए न लाने पर अमरी विशनपुर की किरण कुमारी की हत्या के बाद ससुराल वालों ने लाश गायब कर दी थी। पुलिस ने अनमने तरीके से जांच की। काफी अधूरे सबूत सेशन कोर्ट में पेश किए, लेकिन जिरह के दौरान सरकारी वकील ने ससुराल वाले से हकीकत निकलवाई। डिस्ट्रिक्ट जज से पति, सास व ससुर को उम्रकैद की सजा दिलाई। झंडापुर- ट्रिपल मर्डर में मौत तक कैद: झंडापुर में एक ही परिवार के तीन लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी। पहले केस एससीएसटी कोर्ट में चला लेकिन चश्मदीद कोमा से बाहर आई नाबालिग बेटी के 164 के बयान के बाद केस पॉक्सो कोर्ट में आ गया। यहां काफी सबूतों से छेड़छाड़ हुई, लेकिन सरकारी वकीलों की मुस्तैदी ने इस केस में पॉक्सो कोर्ट से 4 आरोपियों को मौत तक उम्रकैद की सजा दिलाई। सबौर- बच्ची से रेप में फांसी: सबौर के मुन्ना पांडेय ने अपने घर में टीवी देखने आई पड़ोसी बच्ची से रेप कर हत्या कर दी थी। एक नाबालिग रिश्तेदार के सहयोग से लाश छिपा दी। सरकारी वकील ने एडीजे-1 कोर्ट से तमाम सबूतों को आधार बता यह साबित कर दिया कि यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस है। मुन्ना को फांसी की सजा दिलाई गई। वारसलीगंज- एकतरफा प्रेम में हत्या, मिली फांसी: वारसलीगंज में एकतरफा प्रेम में स्कूली छात्रा रेशम की दर्जनों बार चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। आरोपी अभिषेक ने भी सुसाइड की नीयत से चाकू घोंप ली। हालांकि वह बच गया। पुलिस के जुटाए सबूत कमजोर थे। फिर भी सरकारी वकील ने तमाम सबूतों को आधार बनाकर हत्यारे अभिषेक को फांसी की सजा दिलाई। गवाही और रिपाेर्ट के आधार पर मेहनत से मिली सफलता एफआईआर और कोर्ट में दिए बयान में अंतर काे दूर कर और आईओ-मेडिकल अफसर की गवाही दिलाकर सेशन काेर्ट से जल्द सजा दिलाई गई। -सत्यनारायण प्रसाद साह, पीपी पॉक्सो कोर्ट में मेडिकल के अलावा, एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सजा दिलाई गई। -शंकर जयकिशन मंडल, स्पेशल पीपी, पाॅक्साे Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Government lawyers administered justice to two dozen victims even in the coronary

जिले के सरकारी वकीलों ने न्याय दिलाने में बड़ी सफलता हासिल की है। कोरोनाकाल में करीब दो दर्जन मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाया। भागलपुर कोर्ट से जिस रफ्तार में न्याय मिल रहा है, इससे वह मिथक टूट रहा है कि बिना वकील रखे, कोर्ट-कचहरी की दौड़ लगाने और खर्च नहीं करने पर न्याय नहीं मिलता। कुछ मामलों को छोड़ दें तो फैसला अभियोजन के पक्ष में ही आता है। पॉक्सो कोर्ट की रेटिंग अभी सबसे ऊपर है।

2020 में दो दर्जन से ज्यादा मामलों में सजा दिलाई गई है। पाॅक्साे काेर्ट के स्पेशल लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल को पुलिस विभाग ने बेहतर अभियोजन कार्याें के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया है। पूर्व एसएसपी आशीष भारती द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि 2020 में उन्होंने पॉक्सो मामले में छह आरोपियों को मुजरिम करार देते हुए आजीवन की सजा दिलवाई। इससे पहले भी पॉक्सो कोर्ट में सरकार की ओर से सही तरीके से पक्ष रखने पर उन्हें पुरस्कार दिया गया था।

प्रमुख केस, जिनमें अभियोजन ने कड़ी सजा दिलाई, गैंगरेप, दहेज और ट्रिपल मर्डर जैसे मामलों में मिला न्याय

  • सबाैर- गैंगरेप में उम्रकैद: सबौर की इंटर छात्रा ने गैंगरेप के बाद सदमे में आकर सुसाइड कर लिया था। कई तरह की बातों से तंग आकर पीड़िता का परिवार गांव छोड़कर चला गया। पुलिस जांच ढीली पड़ती गई, लेकिन पॉक्सो कोर्ट में सरकारी वकील ने केस को जजमेंट तक पहुंचाया। पॉक्सो कोर्ट से दोनों दुष्कर्मियों को उम्रकैद की सजा दिलाई।
  • एकचारी- दहेज प्रकरण में भी उम्रकैद: एकचारी गांव में दहेज में एक लाख रुपए न लाने पर अमरी विशनपुर की किरण कुमारी की हत्या के बाद ससुराल वालों ने लाश गायब कर दी थी। पुलिस ने अनमने तरीके से जांच की। काफी अधूरे सबूत सेशन कोर्ट में पेश किए, लेकिन जिरह के दौरान सरकारी वकील ने ससुराल वाले से हकीकत निकलवाई। डिस्ट्रिक्ट जज से पति, सास व ससुर को उम्रकैद की सजा दिलाई।
  • झंडापुर- ट्रिपल मर्डर में मौत तक कैद: झंडापुर में एक ही परिवार के तीन लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी। पहले केस एससीएसटी कोर्ट में चला लेकिन चश्मदीद कोमा से बाहर आई नाबालिग बेटी के 164 के बयान के बाद केस पॉक्सो कोर्ट में आ गया। यहां काफी सबूतों से छेड़छाड़ हुई, लेकिन सरकारी वकीलों की मुस्तैदी ने इस केस में पॉक्सो कोर्ट से 4 आरोपियों को मौत तक उम्रकैद की सजा दिलाई।
  • सबौर- बच्ची से रेप में फांसी: सबौर के मुन्ना पांडेय ने अपने घर में टीवी देखने आई पड़ोसी बच्ची से रेप कर हत्या कर दी थी। एक नाबालिग रिश्तेदार के सहयोग से लाश छिपा दी। सरकारी वकील ने एडीजे-1 कोर्ट से तमाम सबूतों को आधार बता यह साबित कर दिया कि यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस है। मुन्ना को फांसी की सजा दिलाई गई।
  • वारसलीगंज- एकतरफा प्रेम में हत्या, मिली फांसी: वारसलीगंज में एकतरफा प्रेम में स्कूली छात्रा रेशम की दर्जनों बार चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। आरोपी अभिषेक ने भी सुसाइड की नीयत से चाकू घोंप ली। हालांकि वह बच गया। पुलिस के जुटाए सबूत कमजोर थे। फिर भी सरकारी वकील ने तमाम सबूतों को आधार बनाकर हत्यारे अभिषेक को फांसी की सजा दिलाई।

गवाही और रिपाेर्ट के आधार पर मेहनत से मिली सफलता
एफआईआर और कोर्ट में दिए बयान में अंतर काे दूर कर और आईओ-मेडिकल अफसर की गवाही दिलाकर सेशन काेर्ट से जल्द सजा दिलाई गई। -सत्यनारायण प्रसाद साह, पीपी

पॉक्सो कोर्ट में मेडिकल के अलावा, एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सजा दिलाई गई। -शंकर जयकिशन मंडल, स्पेशल पीपी, पाॅक्साे



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