राजनीति में सब संभव है। प्रीति शेखर ने अब यू टर्न लिया है। पार्टी की तरफ से टिकट के वंचित प्रीति दुखी चल रही थीं। इसी बीच अमरपुर से लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे मृणाल शेखर के प्रचार की वजह से निष्कासन झेल रहीं प्रीति ने तेवर बदले तो अंदरूनी लड़ाई से परेशान भाजपा और बेचैन हो गई। सो किसी तरह प्रीति को मनाने और बाहर से सब ठीक दिखाने की कोशिश के तहत प्रेस कांफ्रेंस में प्रत्याशी रोहित पाण्डेय के साथ बैठाया गया। अपने साथ अन्याय की बात कहने वाली प्रीति दो दिनों के भीतर ही फिर से भाजपा को मां बताने लगी हैं। हुआ यूं कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रही प्रीति शेखर ने अपने पति लोजपा प्रत्याशी मृणाल शेखर के लिए अमरपुर में प्रचार-प्रसार किया। इसी वजह से पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रीति ने खुद सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात शेयर की। उन्होंने यह भी लिखा कि वे किसी योग्य प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगी। बताए समय पर प्रचार में सक्रिय नहीं हुई तो खुद को बीमार बताया। अब रविवार को खरमनचक में प्रत्याशी रोहित पांडेय के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर कहा-भाजपा तो मेरी मां है। इस तरह से तीन दिन के प्रीति के राजनीतिक ड्रामे का पटाक्षेप हो गया। बोलीं- मां ज्यादा दिनों तक बच्चे से अलग नहीं रह सकतीं। भाजपा से मेरा बीस वर्षों का रिश्ता है, वह कागजों से पार्टी ने तोड़ा है पर भाजपा तो मेरे दिल में बसता है। मैं भाजपा के लिए ही काम करूंगी। मैंने अमरपुर में न तो लोजपा का मंच साझा किया था और न ही उनका झंडा थामा है। अंदरूनी खेमेबाजी से परेशान भाजपा ने ,प्रीति को मनाया, ,रोहित के साथ की प्रेस कांफ्रेंस ^2004 में पार्टी ने हमें भी कार्यसमिति से निष्कासित किया था। भाजपा जिसके दिलो-दिमाग में है, उसके लिए निष्कासन कोई मायने नहीं रखता है। प्रीति शेखर सक्षम कार्यकर्ता हैं और वह वापस काम करने भी आ गयी हैं। इसलिए दिक्कत नहीं है पार्टी के लिए काम कर रही हैं।-निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा ^प्रीति शेखर का निष्कासन कोई मायने नहीं रखता है, वह दुबारा पार्टी में वापस आएंगी। इसलिए किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं है, वह कार्रवाई किसी तरह हो गयी होगी। लेकिन सबकुछ ठीक हो जाएगा, वह पार्टी के पुराने सिपाही हैं, उन्हें यूं ही बाहर नहीं जाने दिया जाएगा सुरेश रूंगटा, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी, भाजपा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today First the attitude was shown, then the rebellion… And now the BJP is my mother, the anger was just a little late - VTM Breaking News

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Monday, November 02, 2020

राजनीति में सब संभव है। प्रीति शेखर ने अब यू टर्न लिया है। पार्टी की तरफ से टिकट के वंचित प्रीति दुखी चल रही थीं। इसी बीच अमरपुर से लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे मृणाल शेखर के प्रचार की वजह से निष्कासन झेल रहीं प्रीति ने तेवर बदले तो अंदरूनी लड़ाई से परेशान भाजपा और बेचैन हो गई। सो किसी तरह प्रीति को मनाने और बाहर से सब ठीक दिखाने की कोशिश के तहत प्रेस कांफ्रेंस में प्रत्याशी रोहित पाण्डेय के साथ बैठाया गया। अपने साथ अन्याय की बात कहने वाली प्रीति दो दिनों के भीतर ही फिर से भाजपा को मां बताने लगी हैं। हुआ यूं कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रही प्रीति शेखर ने अपने पति लोजपा प्रत्याशी मृणाल शेखर के लिए अमरपुर में प्रचार-प्रसार किया। इसी वजह से पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रीति ने खुद सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात शेयर की। उन्होंने यह भी लिखा कि वे किसी योग्य प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगी। बताए समय पर प्रचार में सक्रिय नहीं हुई तो खुद को बीमार बताया। अब रविवार को खरमनचक में प्रत्याशी रोहित पांडेय के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर कहा-भाजपा तो मेरी मां है। इस तरह से तीन दिन के प्रीति के राजनीतिक ड्रामे का पटाक्षेप हो गया। बोलीं- मां ज्यादा दिनों तक बच्चे से अलग नहीं रह सकतीं। भाजपा से मेरा बीस वर्षों का रिश्ता है, वह कागजों से पार्टी ने तोड़ा है पर भाजपा तो मेरे दिल में बसता है। मैं भाजपा के लिए ही काम करूंगी। मैंने अमरपुर में न तो लोजपा का मंच साझा किया था और न ही उनका झंडा थामा है। अंदरूनी खेमेबाजी से परेशान भाजपा ने ,प्रीति को मनाया, ,रोहित के साथ की प्रेस कांफ्रेंस ^2004 में पार्टी ने हमें भी कार्यसमिति से निष्कासित किया था। भाजपा जिसके दिलो-दिमाग में है, उसके लिए निष्कासन कोई मायने नहीं रखता है। प्रीति शेखर सक्षम कार्यकर्ता हैं और वह वापस काम करने भी आ गयी हैं। इसलिए दिक्कत नहीं है पार्टी के लिए काम कर रही हैं।-निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा ^प्रीति शेखर का निष्कासन कोई मायने नहीं रखता है, वह दुबारा पार्टी में वापस आएंगी। इसलिए किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं है, वह कार्रवाई किसी तरह हो गयी होगी। लेकिन सबकुछ ठीक हो जाएगा, वह पार्टी के पुराने सिपाही हैं, उन्हें यूं ही बाहर नहीं जाने दिया जाएगा सुरेश रूंगटा, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी, भाजपा Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today First the attitude was shown, then the rebellion… And now the BJP is my mother, the anger was just a little late

राजनीति में सब संभव है। प्रीति शेखर ने अब यू टर्न लिया है। पार्टी की तरफ से टिकट के वंचित प्रीति दुखी चल रही थीं। इसी बीच अमरपुर से लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे मृणाल शेखर के प्रचार की वजह से निष्कासन झेल रहीं प्रीति ने तेवर बदले तो अंदरूनी लड़ाई से परेशान भाजपा और बेचैन हो गई।

सो किसी तरह प्रीति को मनाने और बाहर से सब ठीक दिखाने की कोशिश के तहत प्रेस कांफ्रेंस में प्रत्याशी रोहित पाण्डेय के साथ बैठाया गया। अपने साथ अन्याय की बात कहने वाली प्रीति दो दिनों के भीतर ही फिर से भाजपा को मां बताने लगी हैं। हुआ यूं कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रही प्रीति शेखर ने अपने पति लोजपा प्रत्याशी मृणाल शेखर के लिए अमरपुर में प्रचार-प्रसार किया। इसी वजह से पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रीति ने खुद सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात शेयर की।

उन्होंने यह भी लिखा कि वे किसी योग्य प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगी। बताए समय पर प्रचार में सक्रिय नहीं हुई तो खुद को बीमार बताया। अब रविवार को खरमनचक में प्रत्याशी रोहित पांडेय के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर कहा-भाजपा तो मेरी मां है। इस तरह से तीन दिन के प्रीति के राजनीतिक ड्रामे का पटाक्षेप हो गया। बोलीं- मां ज्यादा दिनों तक बच्चे से अलग नहीं रह सकतीं। भाजपा से मेरा बीस वर्षों का रिश्ता है, वह कागजों से पार्टी ने तोड़ा है पर भाजपा तो मेरे दिल में बसता है। मैं भाजपा के लिए ही काम करूंगी। मैंने अमरपुर में न तो लोजपा का मंच साझा किया था और न ही उनका झंडा थामा है।

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^2004 में पार्टी ने हमें भी कार्यसमिति से निष्कासित किया था। भाजपा जिसके दिलो-दिमाग में है, उसके लिए निष्कासन कोई मायने नहीं रखता है। प्रीति शेखर सक्षम कार्यकर्ता हैं और वह वापस काम करने भी आ गयी हैं। इसलिए दिक्कत नहीं है पार्टी के लिए काम कर रही हैं।-निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा

^प्रीति शेखर का निष्कासन कोई मायने नहीं रखता है, वह दुबारा पार्टी में वापस आएंगी। इसलिए किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं है, वह कार्रवाई किसी तरह हो गयी होगी। लेकिन सबकुछ ठीक हो जाएगा, वह पार्टी के पुराने सिपाही हैं, उन्हें यूं ही बाहर नहीं जाने दिया जाएगा
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