पालीगंज विधानसभा क्षेत्र के निरखपुर बहेड़िया गांव के लोगों ने सड़क की मांग को लेकर वोट बहिष्कार किया। अधिकारी आनन-फानन में वहां पहुंचे और ग्रामीणों से वोट देने की अपील करने लगे। दोपहर बाद बीडीओ चिरंजीवी पांडेय के साथ अन्य अधिकारी भी वहां पहुंचे और एक जीविका दीदी का वोट डलवाया, जो उसी केंद्र पर तैनात थी।
इससे लोग नाराज हो गए और बूथ के पास जाकर हंगामा करने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने बीडीओ का घेराव भी किया। ग्रामीणों ने अनुमंडल निर्वाची पदाधिकारी के पास आवेदन देकर पालीगंज के बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई करने के डराकर जबरदस्ती एक वोट डलवाने का आराेप लगाया। उसे कैंसिल करने की मांग भी की।
हंगामे के बाद पालीगंज के डीएसपी और एसडीओ निरखपुर गांव पहुंचे और लोगों को मनाने की कोशिश की। लेकिन, वोटर हंगामा करते रहे। निरखपुर अरवल और जहानाबाद जिलाें के बॉर्डर पर स्थित है, जहां आजादी के बाद से सड़क नहीं बनी है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी हाेती है। पालीगंज के बीडीओ चिरंजीवी पांडेय ने आरोप काे गलत बताया। कहा- मैंने किसी से जबरदस्ती वोट नहीं दिलवाया है। वोट बहिष्कार की सूचना के बाद हमने ग्रामीणों को समझाया था।
दो गांवों में नहीं पड़ा एक भी वोट
धनरुआ के लरहा गांव के मतदाताओं ने मधुबन पथ से अपने गांव तक रोड की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। इस कारण वहां एक भी वोट नहीं डाला जा सका। ग्रामीणों ने कहा कि आवागमन के अभाव में अस्पताल पहुंचना भी कठिन होता है। बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है। प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
थलपुरा के मतदाताओं ने भी पुलिया व रोड की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। इस कारण वहां भी एक भी वोट नहीं डाला जा सका। थलपुरा व हुरारी गांव के बीच मोरहर नदी है। नदी पर पुलिया नहीं होने से थलपुरा, थलपुरा मुसहरी व थलपुरा टोला के लाेग मुख्य सड़क से कटे हुए हैं।
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