(ब्रज किशोर दूबे) बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोग जल जमाव और जाम से परेशान हैं। नामामि गंगे प्रोजेक्ट के कारण शहर के विभिन्न इलाकों में गड्‌ढा खोदे जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो और बस के लिए अधिकृत स्टैंड, सब्जी मार्केट के लिए जगह नहीं है। इन सब कारणों को लेकर शहर के पुराने लोगों के बीच मूलभूत सुविधा का अभाव ही बड़ा मुद्दा है। लेकिन, अशोक राजपथ व महेंद्रू इलाके में युवाओं की संख्या अधिक होने के कारण रोजगार देने के वादा में विपक्ष जुटा है। ऐसे में पांच सालों में किए जाने वाले काम को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में जुटी है। यहां दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान होना है। 2008 के परिसीमन से पहले बांकीपुर सीट का ज्यादातर इलाका पटना मध्य का हिस्सा हुआ करता था। इस सीट से 1990 में पहली बार सुशील मोदी चुनाव जीते थे। परिसीमन के बाद 2010 और 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट से नितिन नवीन विधायक बने हैं। प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी के इसी क्षेत्र से लड़ने की चर्चा है। महागठबंधन से कांग्रेस के खाते में सीट गयी है। अभी तक उम्मीदवार फाइनल नहीं हुआ है लेकिन कुमार आशीष को ही टिकट देने की चर्चा है। अशोक राजपथ इलाके में रहने वाले छात्र मनीष कुमार ने कहा कि नौकरी हम युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। सरकार चुनाव के समय वेकेंसी निकलती है। पांच सालों तक बैठी रहती है। वहीं, कदमकुआं के राजनीश कुमार और बाइपास इलाके में रहने वाले सिपारा निवासी जय कुमार सिंह के सामने जल जल जमाव, नाली-गली बड़ा मुद्दा है। हालांकि, गंगा पाथवे और मेट्रो के निर्माण से ज्यादातर लोगों के बीच विकास की उम्मीद भी बढ़ी है। 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी बांकीपुर विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन में बांकीपुर सीट अस्तित्व में आई । पहला चुनाव 2010 में हुआ। भाजपा जीती। इसके बाद 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट से नितिन नवीन ने कांग्रेस के कुमार आशीष को 39767 वोट से हराया था। वोट का गणित यहां सवर्ण जाति में शामिल राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ करीब 2 लाख मतदाता है। व्यवसायी वर्ग, मुसलमान और यादव की संख्या अच्छी है। लेकिन, हर समय चुनाव में खेल बनाने और बिगाड़ने का मादा कोइरी, कुर्मी, पासवान और महादलित रखते हैं। पांच साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि पांच सालों का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जा रहे हैँ। 10 अक्टूबर से डोर टू डोर कैंपेन शुरू होगा। सरकार ने युवाओं के साथ आम लोगों के विकास के लिए काम किया है। कांग्रेस से उम्मीदवार का टिकट फाइन होने के बाद कैंपेन शुरू होगा। बांकीपुर में शामिल मोहल्ले बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में बोरिंग रोड, बोरिग कैनाल, राजापुर, पहलवान घाट, उत्तरी श्रीकृष्णापुरी, किदवर्इपुरी, चकारम, रोड, बुद्धा कॉलोनी, दक्षिणी मंदिरी, विद्धापति मार्ग, बुद्धमार्ग, सिन्हा लाइब्रेरी रोड, गोलघर, लोदीपुर, डाकबंगला, फ्रेजर रोड, जमाल रोड, लालजी टोला, लोहानीपुर, पीरमुहानी, कदमकुआं, पश्चिमी गांधी मैदान, पूर्वी गांधी मैदान, अशोक राजपथ, महेंद्रू घाट, बाकरगंज, सालिमपुर अहरा, बेली रोड स्थित शेखपुरा मोड, करबिगहिया, चांदमारी रोड, चिरैंयाटांड, बिग्रहपुर, सिपारा, मीठापुर, यारपुर, जक्कनपुर, चांदपुर बेला, दशरथा, भवर पोखर आदि मुहल्ला शामिल है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 2008 में परिसीमन में बांकीपुर सीट अस्तित्व में आई । पहला चुनाव 2010 में हुआ। - VTM Breaking News

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Thursday, October 08, 2020

(ब्रज किशोर दूबे) बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोग जल जमाव और जाम से परेशान हैं। नामामि गंगे प्रोजेक्ट के कारण शहर के विभिन्न इलाकों में गड्‌ढा खोदे जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो और बस के लिए अधिकृत स्टैंड, सब्जी मार्केट के लिए जगह नहीं है। इन सब कारणों को लेकर शहर के पुराने लोगों के बीच मूलभूत सुविधा का अभाव ही बड़ा मुद्दा है। लेकिन, अशोक राजपथ व महेंद्रू इलाके में युवाओं की संख्या अधिक होने के कारण रोजगार देने के वादा में विपक्ष जुटा है। ऐसे में पांच सालों में किए जाने वाले काम को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में जुटी है। यहां दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान होना है। 2008 के परिसीमन से पहले बांकीपुर सीट का ज्यादातर इलाका पटना मध्य का हिस्सा हुआ करता था। इस सीट से 1990 में पहली बार सुशील मोदी चुनाव जीते थे। परिसीमन के बाद 2010 और 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट से नितिन नवीन विधायक बने हैं। प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी के इसी क्षेत्र से लड़ने की चर्चा है। महागठबंधन से कांग्रेस के खाते में सीट गयी है। अभी तक उम्मीदवार फाइनल नहीं हुआ है लेकिन कुमार आशीष को ही टिकट देने की चर्चा है। अशोक राजपथ इलाके में रहने वाले छात्र मनीष कुमार ने कहा कि नौकरी हम युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। सरकार चुनाव के समय वेकेंसी निकलती है। पांच सालों तक बैठी रहती है। वहीं, कदमकुआं के राजनीश कुमार और बाइपास इलाके में रहने वाले सिपारा निवासी जय कुमार सिंह के सामने जल जल जमाव, नाली-गली बड़ा मुद्दा है। हालांकि, गंगा पाथवे और मेट्रो के निर्माण से ज्यादातर लोगों के बीच विकास की उम्मीद भी बढ़ी है। 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी बांकीपुर विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन में बांकीपुर सीट अस्तित्व में आई । पहला चुनाव 2010 में हुआ। भाजपा जीती। इसके बाद 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट से नितिन नवीन ने कांग्रेस के कुमार आशीष को 39767 वोट से हराया था। वोट का गणित यहां सवर्ण जाति में शामिल राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ करीब 2 लाख मतदाता है। व्यवसायी वर्ग, मुसलमान और यादव की संख्या अच्छी है। लेकिन, हर समय चुनाव में खेल बनाने और बिगाड़ने का मादा कोइरी, कुर्मी, पासवान और महादलित रखते हैं। पांच साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि पांच सालों का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जा रहे हैँ। 10 अक्टूबर से डोर टू डोर कैंपेन शुरू होगा। सरकार ने युवाओं के साथ आम लोगों के विकास के लिए काम किया है। कांग्रेस से उम्मीदवार का टिकट फाइन होने के बाद कैंपेन शुरू होगा। बांकीपुर में शामिल मोहल्ले बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में बोरिंग रोड, बोरिग कैनाल, राजापुर, पहलवान घाट, उत्तरी श्रीकृष्णापुरी, किदवर्इपुरी, चकारम, रोड, बुद्धा कॉलोनी, दक्षिणी मंदिरी, विद्धापति मार्ग, बुद्धमार्ग, सिन्हा लाइब्रेरी रोड, गोलघर, लोदीपुर, डाकबंगला, फ्रेजर रोड, जमाल रोड, लालजी टोला, लोहानीपुर, पीरमुहानी, कदमकुआं, पश्चिमी गांधी मैदान, पूर्वी गांधी मैदान, अशोक राजपथ, महेंद्रू घाट, बाकरगंज, सालिमपुर अहरा, बेली रोड स्थित शेखपुरा मोड, करबिगहिया, चांदमारी रोड, चिरैंयाटांड, बिग्रहपुर, सिपारा, मीठापुर, यारपुर, जक्कनपुर, चांदपुर बेला, दशरथा, भवर पोखर आदि मुहल्ला शामिल है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 2008 में परिसीमन में बांकीपुर सीट अस्तित्व में आई । पहला चुनाव 2010 में हुआ।

(ब्रज किशोर दूबे) बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोग जल जमाव और जाम से परेशान हैं। नामामि गंगे प्रोजेक्ट के कारण शहर के विभिन्न इलाकों में गड्‌ढा खोदे जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो और बस के लिए अधिकृत स्टैंड, सब्जी मार्केट के लिए जगह नहीं है।

इन सब कारणों को लेकर शहर के पुराने लोगों के बीच मूलभूत सुविधा का अभाव ही बड़ा मुद्दा है। लेकिन, अशोक राजपथ व महेंद्रू इलाके में युवाओं की संख्या अधिक होने के कारण रोजगार देने के वादा में विपक्ष जुटा है। ऐसे में पांच सालों में किए जाने वाले काम को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में जुटी है। यहां दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान होना है।
2008 के परिसीमन से पहले बांकीपुर सीट का ज्यादातर इलाका पटना मध्य का हिस्सा हुआ करता था। इस सीट से 1990 में पहली बार सुशील मोदी चुनाव जीते थे। परिसीमन के बाद 2010 और 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट से नितिन नवीन विधायक बने हैं।

प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी के इसी क्षेत्र से लड़ने की चर्चा है। महागठबंधन से कांग्रेस के खाते में सीट गयी है। अभी तक उम्मीदवार फाइनल नहीं हुआ है लेकिन कुमार आशीष को ही टिकट देने की चर्चा है।
अशोक राजपथ इलाके में रहने वाले छात्र मनीष कुमार ने कहा कि नौकरी हम युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। सरकार चुनाव के समय वेकेंसी निकलती है। पांच सालों तक बैठी रहती है। वहीं, कदमकुआं के राजनीश कुमार और बाइपास इलाके में रहने वाले सिपारा निवासी जय कुमार सिंह के सामने जल जल जमाव, नाली-गली बड़ा मुद्दा है। हालांकि, गंगा पाथवे और मेट्रो के निर्माण से ज्यादातर लोगों के बीच विकास की उम्मीद भी बढ़ी है।
2008 में परिसीमन के बाद बनी थी बांकीपुर विधानसभा सीट

2008 में परिसीमन में बांकीपुर सीट अस्तित्व में आई । पहला चुनाव 2010 में हुआ। भाजपा जीती। इसके बाद 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट से नितिन नवीन ने कांग्रेस के कुमार आशीष को 39767 वोट से हराया था।
वोट का गणित
यहां सवर्ण जाति में शामिल राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ करीब 2 लाख मतदाता है। व्यवसायी वर्ग, मुसलमान और यादव की संख्या अच्छी है। लेकिन, हर समय चुनाव में खेल बनाने और बिगाड़ने का मादा कोइरी, कुर्मी, पासवान और महादलित रखते हैं।

पांच साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी
विधायक नितिन नवीन ने कहा कि पांच सालों का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जा रहे हैँ। 10 अक्टूबर से डोर टू डोर कैंपेन शुरू होगा। सरकार ने युवाओं के साथ आम लोगों के विकास के लिए काम किया है। कांग्रेस से उम्मीदवार का टिकट फाइन होने के बाद कैंपेन शुरू होगा।

बांकीपुर में शामिल मोहल्ले
बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में बोरिंग रोड, बोरिग कैनाल, राजापुर, पहलवान घाट, उत्तरी श्रीकृष्णापुरी, किदवर्इपुरी, चकारम, रोड, बुद्धा कॉलोनी, दक्षिणी मंदिरी, विद्धापति मार्ग, बुद्धमार्ग, सिन्हा लाइब्रेरी रोड, गोलघर, लोदीपुर, डाकबंगला, फ्रेजर रोड, जमाल रोड, लालजी टोला, लोहानीपुर, पीरमुहानी, कदमकुआं, पश्चिमी गांधी मैदान, पूर्वी गांधी मैदान, अशोक राजपथ, महेंद्रू घाट, बाकरगंज, सालिमपुर अहरा, बेली रोड स्थित शेखपुरा मोड, करबिगहिया, चांदमारी रोड, चिरैंयाटांड, बिग्रहपुर, सिपारा, मीठापुर, यारपुर, जक्कनपुर, चांदपुर बेला, दशरथा, भवर पोखर आदि मुहल्ला शामिल है।



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2008 में परिसीमन में बांकीपुर सीट अस्तित्व में आई । पहला चुनाव 2010 में हुआ।


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