(अजय कुमार सिंह) पटना जिले में 26930 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं, लेकिन शहर के दो प्लाज्मा बैंकों में अबतक एक भी यूनिट प्लाज्मा का डोनेशन नहीं हुआ है। जयप्रभा ब्लड सेंटर में हाल ही में प्लाज्मा बैंक बनाया गया है। यहां से कोरोना मरीजों को प्लाज्मा मुफ्त देना है। लेकिन, यहां अबतक एक भी डोनर नहीं आया है।
प्लाज्मा बैंक की ओर से कोविड अस्पतालों से स्वस्थ हुए कोरोना मरीजों का संपर्क नंबर मांगा गया है, ताकि उनसे संपर्क कर प्लाज्मा डोनेट करने का आग्रह किया जा सके। इसके लिए एम्स, एनएमसीएच आदि काे पत्र लिखा गया है। इसके अलावा महावीर कैंसर अस्पताल के ब्लड बैंक में भी प्लाज्मा डोनेशन की व्यवस्था हुई है। ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि यहां भी अभी तक कोई डोनेट करने नहीं आया है।
सबसे अधिक एम्स में डोनेशन
पटना एम्स में अबतक सबसे अधिक प्लाज्मा डोनेशन हुआ है। यहां करीब 390 लोग प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं। नियमित रूप से यहां चार-पांच डोनर आ रहे हैं। ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. नेहा सिंह के मुताबिक, डोनर को 500 रुपए ट्रैवलिंग एलाउंस और प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। पहले एक दिन में 10 डोनेशन होता था। अभी थोड़ा कम हो गया है।
भर्ती मरीजों की संख्या में भी कमी आई है। इसके अलावा आईजीआईएमएस में अबतक 19 लोग डोनेशन के लिए आए। इनमें 15 लोगों का ही प्लाज्मा लिया जा सका है। यहां से प्लाज्मा पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स, पारस आदि अस्पतालों को दिया गया। वहीं पारस एचएमआरआई अस्पताल में सात डोनर ही आए।
डोनर के लिए यह जरूरी: गाइडलाइन के मुताबिक प्लाज्मा डोनेशन के लिए कोरोना मरीज की आरटी-पीसीआर से जांच रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए। इसके अलावा मरीज की एंटीबॉडी और सीरम प्रोटीन की जांच की जाती है। एंटीबॉडी और सीरम प्रोटीन उचित मात्रा में होने पर ही प्लाज्मा लिया जा सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य संक्रामक बीमारियां की जांच की जाती है।
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