शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक, 28 सितंबर यानी सोमवार से प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को खुलना है। 9वीं से 12वीं के बच्चों के लिए डाउट क्लास हाेना है। लेकिन, अधिकतर प्राइवेट स्कूल अभी नहीं खुलेंगे। स्कूल प्रशासन की मानें तो बहुत कम अभिभावक बच्चों को भेजने के लिए तैयार हैं। सभी स्कूलों ने अपने स्तर पर सर्वे किया और पाया कि 25 से 90 प्रतिशत तक अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते। इसका सबसे बड़ा कारण ट्रांसपोर्टेशन की समस्या है। कुछ स्कूल अक्टूबर में खोले जाने की योजना है, क्योंकि उनमें कंपार्टमेंटल परीक्षाएं हो रही हैं और इवैल्युएशन भी शुरू हो गया है।
लोयोला हाईस्कूल
प्राचार्य ब्रदर सुधाकर एस रेड्डी ने बताया कि हमने 9वीं से 12वीं तक के अभिभावकों के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर सर्वे किया। उसमें पाया कि 85 से 90 प्रतिशत अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि यातायात एक बड़ी समस्या है। अभिभावकों ने आग्रह किया कि ऑनलाइन ही डाउट क्लास की शुरुआत अभी होनी चाहिए। ऐसे में स्कूल ने निर्णय लिया है कि सेकेंड यूनिट टेस्ट जो 1 अक्टूबर से होगा, उसके बाद हम ऑनलाइन डाउट क्लास शुरू करेंगे।
संत माइकल: प्राचार्य फादर आर्मस्ट्रांग ने बताया कि कंपार्टमेंटल परीक्षा को देखते हुए हम 5 अक्टूबर तक स्कूल खोलेंगे। इसी बीच हम सर्वे भी कराएंगे कि 9वीं से 12वीं तक के कितने बच्चे स्कूल आना चाह रहे हैं।
संत जेवियर्स
प्राचार्य फादर क्रिस्टू सवारी राजन ने बताया कि बच्चों का मेजर सिलेबस पूरा हो गया है। लोगों के रिस्पांस को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि बच्चों को अभी नहीं बुलाएंगे। हमने सभी विषयों के डाउट क्लियर करने के लिए ऑनलाइन एक्सट्रा क्लास की शुरुआत कर दी है। 12 अक्टूबर से सेकेंड टर्म परीक्षाएं होंगी, उसके बाद बच्चों के पास रिविजन के लिए काफी समय होगा।
डीएवी बीएसईबी
प्राचार्य वीएस ओझा ने बताया कि 5 अक्टूबर के बाद ही बच्चों को स्कूल बुला पाएंगे, क्योंकि अधिकतर शिक्षक इवैल्युएशन में लगे हुए हैं।
सरकारी स्कूलों में हफ्ते में दाे दिन आएंगे बच्चे
सरकारी स्कूलाें में अभी एक तिहाई बच्चे ही आएंगे। 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए डाउट क्लास की सारी तैयारी स्कूलाें ने कर ली है। जिन स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया था, उन्हें सेनेटाइज कर लिया गया है। शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार स्कूल 9 से 12 बजे तक चलेंगे और बच्चों को हफ्ते में दो ही दिन आना है। कोविड को लेकर सारे सुरक्षा नियमों का पालन भी करना है। डीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि जिन स्कूलाें में मतदान हाेना है, वहां भी बच्चे आएंगे। उनके लिए अलग कमरे में व्यवस्था होगी।
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