बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस समय बाढ़, बारिश और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। इसके अधिकारी-कर्मचारी राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। अब निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइन के तहत चुनाव में भी प्राधिकरण की ड्यूटी लग गई है। कोरोना काल में चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से 21 अगस्त को जारी गाइडलाइन में प्राधिकरण को चुनाव प्रचार के दौरान भीड़ की संख्या तय करनी है। जिम्मेदारी रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस के पास रहने की उम्मीद: निर्वाचन आयोग ने कोरोना काल में हर तरह के प्रचार में आमजन, समर्थक, सुरक्षाकर्मियों की भीड़ के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है। लेकिन, कैंपेन-रैली में भीड़ की संख्या तय करने की बड़ी जिम्मेदारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दी है। बिहार में इस प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सीईओ राज्य के मुख्य सचिव हैं। उपाध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस व्यासजी, सदस्य रिटायर्ड आईपीएस पीएन राय और शिक्षाविद् उदय कांत मिश्रा हैं। बाकी काम डीएम करेंगे, लेकिन अहम निर्णय प्राधिकरण के पास नई गाइडलाइन के तहत राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों के कैंपेन के लिए जगह का चुनाव करने का अधिकार जिला निर्वाचन पदाधिकारी, यानी डीएम के पास होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि रैली या सभा के लिए तय जगह पर प्रवेश और निकास की व्यवस्था सही तरीके से हो। किसी भी ऐसे कार्यक्रम के पहले सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के तहत लोगों के खड़े होने की मार्किंग भी जिला निर्वाचन कार्यालय के जिम्मे ही होगी। जिले में कोरोना के लिए नोडल अफसर बनाए गए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसकी देखरेख करेंगे। लेकिन, इन सभी को पहले ऐसे स्थलों का चयन, उनकी लंबाई-चौड़ाई आदि का विवरण प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास देना होगा। गाइडलाइन के मुताबिक ही मैदान में रहेंगे लोग प्राधिकरण कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत इन स्थलों के लिए लोगों की संख्या तय करेगा। पटना का गांधी मैदान हो या बेगूसराय का गांधी स्टेडियम, संबंधित जिले से पूरा विवरण प्राधिकरण के पास आएगा और फिर प्राधिकरण के अधिकारी एक-एक स्थल के लिए भीड़ की संख्या निर्धारित कर वापस जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सूचित करेंगे। अनुबंध पर बहाल कर्मियों की भी चुनाव में लगेगी ड्यूटी विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार के विभिन्न विभागों में अनुबंध पर बहाल कर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई जाएगी। राज्य निर्वाचन विभाग के इस प्रस्ताव पर चुनाव आयोग ने हरी झंडी दे दी है। खास बात यह होगी कि अनुबंध पर बहाल कर्मियों को चुनाव के दौरान मजिस्ट्रेट, पीठासीन पदाधिकारी और माइक्रो ऑब्जर्वर के रूप में तैनात नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया है। इसे देखते हुए राज्य में 34000 अतिरिक्त सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके कारण बिहार में मतदान केंद्रों की संख्या 1 लाख 6 हजार हो गई है। सिर्फ अतिरिक्त मतदान केंद्रों के लिए ही करीब 1 लाख 80 हजार मतदान कर्मियों की आवश्यकता होगी। वैसे कुल करीब 6 लाख मतदानकर्मियों की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Duty management authority also engaged in elections, will assess the crowd before the rally - VTM Breaking News

  VTM Breaking News

English AND Hindi News latest,Viral,Breaking,Live,Website,India,World,Sport,Business,Movie,Serial,tv,crime,All Type News

Breaking

Post Top Ad


Amazon Best Offer

Saturday, August 22, 2020

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस समय बाढ़, बारिश और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। इसके अधिकारी-कर्मचारी राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। अब निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइन के तहत चुनाव में भी प्राधिकरण की ड्यूटी लग गई है। कोरोना काल में चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से 21 अगस्त को जारी गाइडलाइन में प्राधिकरण को चुनाव प्रचार के दौरान भीड़ की संख्या तय करनी है। जिम्मेदारी रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस के पास रहने की उम्मीद: निर्वाचन आयोग ने कोरोना काल में हर तरह के प्रचार में आमजन, समर्थक, सुरक्षाकर्मियों की भीड़ के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है। लेकिन, कैंपेन-रैली में भीड़ की संख्या तय करने की बड़ी जिम्मेदारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दी है। बिहार में इस प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सीईओ राज्य के मुख्य सचिव हैं। उपाध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस व्यासजी, सदस्य रिटायर्ड आईपीएस पीएन राय और शिक्षाविद् उदय कांत मिश्रा हैं। बाकी काम डीएम करेंगे, लेकिन अहम निर्णय प्राधिकरण के पास नई गाइडलाइन के तहत राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों के कैंपेन के लिए जगह का चुनाव करने का अधिकार जिला निर्वाचन पदाधिकारी, यानी डीएम के पास होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि रैली या सभा के लिए तय जगह पर प्रवेश और निकास की व्यवस्था सही तरीके से हो। किसी भी ऐसे कार्यक्रम के पहले सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के तहत लोगों के खड़े होने की मार्किंग भी जिला निर्वाचन कार्यालय के जिम्मे ही होगी। जिले में कोरोना के लिए नोडल अफसर बनाए गए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसकी देखरेख करेंगे। लेकिन, इन सभी को पहले ऐसे स्थलों का चयन, उनकी लंबाई-चौड़ाई आदि का विवरण प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास देना होगा। गाइडलाइन के मुताबिक ही मैदान में रहेंगे लोग प्राधिकरण कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत इन स्थलों के लिए लोगों की संख्या तय करेगा। पटना का गांधी मैदान हो या बेगूसराय का गांधी स्टेडियम, संबंधित जिले से पूरा विवरण प्राधिकरण के पास आएगा और फिर प्राधिकरण के अधिकारी एक-एक स्थल के लिए भीड़ की संख्या निर्धारित कर वापस जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सूचित करेंगे। अनुबंध पर बहाल कर्मियों की भी चुनाव में लगेगी ड्यूटी विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार के विभिन्न विभागों में अनुबंध पर बहाल कर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई जाएगी। राज्य निर्वाचन विभाग के इस प्रस्ताव पर चुनाव आयोग ने हरी झंडी दे दी है। खास बात यह होगी कि अनुबंध पर बहाल कर्मियों को चुनाव के दौरान मजिस्ट्रेट, पीठासीन पदाधिकारी और माइक्रो ऑब्जर्वर के रूप में तैनात नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया है। इसे देखते हुए राज्य में 34000 अतिरिक्त सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके कारण बिहार में मतदान केंद्रों की संख्या 1 लाख 6 हजार हो गई है। सिर्फ अतिरिक्त मतदान केंद्रों के लिए ही करीब 1 लाख 80 हजार मतदान कर्मियों की आवश्यकता होगी। वैसे कुल करीब 6 लाख मतदानकर्मियों की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Duty management authority also engaged in elections, will assess the crowd before the rally

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस समय बाढ़, बारिश और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। इसके अधिकारी-कर्मचारी राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। अब निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइन के तहत चुनाव में भी प्राधिकरण की ड्यूटी लग गई है। कोरोना काल में चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से 21 अगस्त को जारी गाइडलाइन में प्राधिकरण को चुनाव प्रचार के दौरान भीड़ की संख्या तय करनी है।
जिम्मेदारी रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस के पास रहने की उम्मीद: निर्वाचन आयोग ने कोरोना काल में हर तरह के प्रचार में आमजन, समर्थक, सुरक्षाकर्मियों की भीड़ के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है। लेकिन, कैंपेन-रैली में भीड़ की संख्या तय करने की बड़ी जिम्मेदारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दी है। बिहार में इस प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सीईओ राज्य के मुख्य सचिव हैं। उपाध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस व्यासजी, सदस्य रिटायर्ड आईपीएस पीएन राय और शिक्षाविद् उदय कांत मिश्रा हैं।

बाकी काम डीएम करेंगे, लेकिन अहम निर्णय प्राधिकरण के पास
नई गाइडलाइन के तहत राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों के कैंपेन के लिए जगह का चुनाव करने का अधिकार जिला निर्वाचन पदाधिकारी, यानी डीएम के पास होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि रैली या सभा के लिए तय जगह पर प्रवेश और निकास की व्यवस्था सही तरीके से हो।

किसी भी ऐसे कार्यक्रम के पहले सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के तहत लोगों के खड़े होने की मार्किंग भी जिला निर्वाचन कार्यालय के जिम्मे ही होगी। जिले में कोरोना के लिए नोडल अफसर बनाए गए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसकी देखरेख करेंगे। लेकिन, इन सभी को पहले ऐसे स्थलों का चयन, उनकी लंबाई-चौड़ाई आदि का विवरण प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास देना होगा।

गाइडलाइन के मुताबिक ही मैदान में रहेंगे लोग
प्राधिकरण कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत इन स्थलों के लिए लोगों की संख्या तय करेगा। पटना का गांधी मैदान हो या बेगूसराय का गांधी स्टेडियम, संबंधित जिले से पूरा विवरण प्राधिकरण के पास आएगा और फिर प्राधिकरण के अधिकारी एक-एक स्थल के लिए भीड़ की संख्या निर्धारित कर वापस जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सूचित करेंगे।

अनुबंध पर बहाल कर्मियों की भी चुनाव में लगेगी ड्यूटी

विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार के विभिन्न विभागों में अनुबंध पर बहाल कर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई जाएगी। राज्य निर्वाचन विभाग के इस प्रस्ताव पर चुनाव आयोग ने हरी झंडी दे दी है। खास बात यह होगी कि अनुबंध पर बहाल कर्मियों को चुनाव के दौरान मजिस्ट्रेट, पीठासीन पदाधिकारी और माइक्रो ऑब्जर्वर के रूप में तैनात नहीं किया जाएगा।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया है। इसे देखते हुए राज्य में 34000 अतिरिक्त सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके कारण बिहार में मतदान केंद्रों की संख्या 1 लाख 6 हजार हो गई है। सिर्फ अतिरिक्त मतदान केंद्रों के लिए ही करीब 1 लाख 80 हजार मतदान कर्मियों की आवश्यकता होगी। वैसे कुल करीब 6 लाख मतदानकर्मियों की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Duty management authority also engaged in elections, will assess the crowd before the rally


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3iZOZf5

No comments:

Post a Comment

Please don’t enter any spam link in the comment

Featured post

Where Things Stand With SNAP Benefits https://ift.tt/fJs8olm

By Tony Romm, Christina Shaman, Christina Thornell, June Kim and Zach Wood from NYT U.S. https://ift.tt/KPSUbzo

Post Bottom Ad