सूबे की सभी प्रमुख नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में एक साथ हुई जबरदस्त बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। हाल यह है कि 24 घंटे में कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा का जलस्तर दो मीटर तक बढ़ा जो इस साल का रिकाॅर्ड है। गंडक और कोसी के बराज पर भी डिस्चार्ज रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गया। गंडक में उफान से पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। मंगलवार सुबह कोसी के वीरपुर बराज पर पानी की मात्रा बढ़कर 3.34 क्यूसेक हो गई जबकि गंडक के वाल्मीकिनगर बराज पर डिस्चार्ज 4.36 लाख क्यूसेक को भी पार कर गया। मात्र 24 घंटे में दोनों जगहों पर पानी का स्तर दोगुना से भी अधिक हो गया। इसके बाद दोनों ही बराजों पर भारी दबाव उत्पन्न हो गया। जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है। आठ जिलों के लोग प्रभावित,पांच राहत शिविर चल रहे आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नेपाल और बिहार में हुई भारी बारिश को देखते हुए पूर्वी, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण के डीएम को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। भारी बारिश से सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व पूर्वी चम्पारण की 190 पंचायतों में 3.50 लाख लोग प्रभावित हैं। दरभंगा में 2 और गोपालगंज में 3 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। वहां 1075 लोग रह रहे हैं। गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी चंपारण और दरभंगा में कम्युनिटी किचेन में प्रतिदिन 28000 लोग भोजन कर रहे हैं। गोपालगंज में दो जबकि छपरा, पूर्वी और पश्चिम चंपारण में एनडीआरएफ की 1-1 अतिरिक्त टीम भेजी गई है। खतरा टला नहीं:बागमती, कोसी, गंडक में उफान जारी बागमती, कोसी, गंडक के जलग्रहण क्षेत्र की सारी नदियों के जलस्तर में अचानक से बढ़ोतरी शुरू हो गई। महज 24 घंटे में महानंदा का जलस्तर दो मीटर तक ऊपर पहुंच गया। इस दौरान बागमती का जलस्तर 1.72 मीटर जबकि लकबकिया का जलस्तर 1.67 मीटर बढ़ा। इसी तरह 24 घंटे में अधवारा और कमला नदियों का जलस्तर 1.50-1.50 मीटर बढ़ गया। बागमती सीतामढ़ी के कटौंझा में अब खतरे के निशान से 2.39 मीटर ऊपर पहुंच गई है। वज्रपात से 17 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक बारिश के बीच वज्रपात के कहर से मंगलवार को सूबे में 17 लोगों की जान चली गई। बांका में 7, नालंदा में 4, जमुई में 3, बेगूसराय, मोतिहारी और लखीसराय में 1-1 की मौत की सूचना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर शोक जताते हुए आश्रितों को मुआवजे का आदेश दिया है। नालंदा के बिंद के गोविंदपुर गांव में ठनका की चपेट में आने से तीन युवकों की मौत हो गई जबकि 3 अन्य झुलस गए। सभी की उम्र 19 से 21 वर्ष के बीच है। सभी युवक खंधा में मवेशी चरा रहे थे। उसी दौरान घटना हुई। चौथी मौत सरमेरा के एरुआपर गांव में हुई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर किसी बाढ़ग्रस्त इलाके की नहीं, मुजफ्फरपुर शहर के पैगंबरपुर पंचायत के पास फाेरलेन के किनारे का है। लगातार बारिश से दर्जनों घर पानी में डूब चुके हैं। काेई सहारा नहीं मिला ताे फोरलेन के डिवाइडर पर तिरपाल के सहारे आशियाना बनाने लगे। - VTM Breaking News

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Wednesday, July 22, 2020

सूबे की सभी प्रमुख नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में एक साथ हुई जबरदस्त बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। हाल यह है कि 24 घंटे में कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा का जलस्तर दो मीटर तक बढ़ा जो इस साल का रिकाॅर्ड है। गंडक और कोसी के बराज पर भी डिस्चार्ज रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गया। गंडक में उफान से पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। मंगलवार सुबह कोसी के वीरपुर बराज पर पानी की मात्रा बढ़कर 3.34 क्यूसेक हो गई जबकि गंडक के वाल्मीकिनगर बराज पर डिस्चार्ज 4.36 लाख क्यूसेक को भी पार कर गया। मात्र 24 घंटे में दोनों जगहों पर पानी का स्तर दोगुना से भी अधिक हो गया। इसके बाद दोनों ही बराजों पर भारी दबाव उत्पन्न हो गया। जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है। आठ जिलों के लोग प्रभावित,पांच राहत शिविर चल रहे आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नेपाल और बिहार में हुई भारी बारिश को देखते हुए पूर्वी, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण के डीएम को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। भारी बारिश से सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व पूर्वी चम्पारण की 190 पंचायतों में 3.50 लाख लोग प्रभावित हैं। दरभंगा में 2 और गोपालगंज में 3 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। वहां 1075 लोग रह रहे हैं। गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी चंपारण और दरभंगा में कम्युनिटी किचेन में प्रतिदिन 28000 लोग भोजन कर रहे हैं। गोपालगंज में दो जबकि छपरा, पूर्वी और पश्चिम चंपारण में एनडीआरएफ की 1-1 अतिरिक्त टीम भेजी गई है। खतरा टला नहीं:बागमती, कोसी, गंडक में उफान जारी बागमती, कोसी, गंडक के जलग्रहण क्षेत्र की सारी नदियों के जलस्तर में अचानक से बढ़ोतरी शुरू हो गई। महज 24 घंटे में महानंदा का जलस्तर दो मीटर तक ऊपर पहुंच गया। इस दौरान बागमती का जलस्तर 1.72 मीटर जबकि लकबकिया का जलस्तर 1.67 मीटर बढ़ा। इसी तरह 24 घंटे में अधवारा और कमला नदियों का जलस्तर 1.50-1.50 मीटर बढ़ गया। बागमती सीतामढ़ी के कटौंझा में अब खतरे के निशान से 2.39 मीटर ऊपर पहुंच गई है। वज्रपात से 17 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक बारिश के बीच वज्रपात के कहर से मंगलवार को सूबे में 17 लोगों की जान चली गई। बांका में 7, नालंदा में 4, जमुई में 3, बेगूसराय, मोतिहारी और लखीसराय में 1-1 की मौत की सूचना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर शोक जताते हुए आश्रितों को मुआवजे का आदेश दिया है। नालंदा के बिंद के गोविंदपुर गांव में ठनका की चपेट में आने से तीन युवकों की मौत हो गई जबकि 3 अन्य झुलस गए। सभी की उम्र 19 से 21 वर्ष के बीच है। सभी युवक खंधा में मवेशी चरा रहे थे। उसी दौरान घटना हुई। चौथी मौत सरमेरा के एरुआपर गांव में हुई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तस्वीर किसी बाढ़ग्रस्त इलाके की नहीं, मुजफ्फरपुर शहर के पैगंबरपुर पंचायत के पास फाेरलेन के किनारे का है। लगातार बारिश से दर्जनों घर पानी में डूब चुके हैं। काेई सहारा नहीं मिला ताे फोरलेन के डिवाइडर पर तिरपाल के सहारे आशियाना बनाने लगे।

सूबे की सभी प्रमुख नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में एक साथ हुई जबरदस्त बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। हाल यह है कि 24 घंटे में कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा का जलस्तर दो मीटर तक बढ़ा जो इस साल का रिकाॅर्ड है। गंडक और कोसी के बराज पर भी डिस्चार्ज रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गया। गंडक में उफान से पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

मंगलवार सुबह कोसी के वीरपुर बराज पर पानी की मात्रा बढ़कर 3.34 क्यूसेक हो गई जबकि गंडक के वाल्मीकिनगर बराज पर डिस्चार्ज 4.36 लाख क्यूसेक को भी पार कर गया। मात्र 24 घंटे में दोनों जगहों पर पानी का स्तर दोगुना से भी अधिक हो गया। इसके बाद दोनों ही बराजों पर भारी दबाव उत्पन्न हो गया। जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है।

आठ जिलों के लोग प्रभावित,पांच राहत शिविर चल रहे

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नेपाल और बिहार में हुई भारी बारिश को देखते हुए पूर्वी, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण के डीएम को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। भारी बारिश से सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व पूर्वी चम्पारण की 190 पंचायतों में 3.50 लाख लोग प्रभावित हैं। दरभंगा में 2 और गोपालगंज में 3 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। वहां 1075 लोग रह रहे हैं। गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी चंपारण और दरभंगा में कम्युनिटी किचेन में प्रतिदिन 28000 लोग भोजन कर रहे हैं। गोपालगंज में दो जबकि छपरा, पूर्वी और पश्चिम चंपारण में एनडीआरएफ की 1-1 अतिरिक्त टीम भेजी गई है।

खतरा टला नहीं:बागमती, कोसी, गंडक में उफान जारी

बागमती, कोसी, गंडक के जलग्रहण क्षेत्र की सारी नदियों के जलस्तर में अचानक से बढ़ोतरी शुरू हो गई। महज 24 घंटे में महानंदा का जलस्तर दो मीटर तक ऊपर पहुंच गया। इस दौरान बागमती का जलस्तर 1.72 मीटर जबकि लकबकिया का जलस्तर 1.67 मीटर बढ़ा। इसी तरह 24 घंटे में अधवारा और कमला नदियों का जलस्तर 1.50-1.50 मीटर बढ़ गया। बागमती सीतामढ़ी के कटौंझा में अब खतरे के निशान से 2.39 मीटर ऊपर पहुंच गई है।

वज्रपात से 17 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक

बारिश के बीच वज्रपात के कहर से मंगलवार को सूबे में 17 लोगों की जान चली गई। बांका में 7, नालंदा में 4, जमुई में 3, बेगूसराय, मोतिहारी और लखीसराय में 1-1 की मौत की सूचना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर शोक जताते हुए आश्रितों को मुआवजे का आदेश दिया है। नालंदा के बिंद के गोविंदपुर गांव में ठनका की चपेट में आने से तीन युवकों की मौत हो गई जबकि 3 अन्य झुलस गए। सभी की उम्र 19 से 21 वर्ष के बीच है। सभी युवक खंधा में मवेशी चरा रहे थे। उसी दौरान घटना हुई। चौथी मौत सरमेरा के एरुआपर गांव में हुई।



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तस्वीर किसी बाढ़ग्रस्त इलाके की नहीं, मुजफ्फरपुर शहर के पैगंबरपुर पंचायत के पास फाेरलेन के किनारे का है। लगातार बारिश से दर्जनों घर पानी में डूब चुके हैं। काेई सहारा नहीं मिला ताे फोरलेन के डिवाइडर पर तिरपाल के सहारे आशियाना बनाने लगे।


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