जिले में काेराेना काे देखते हुए जांच काे तेज करने के निर्देश दिये हैं, लेकिन उस हिसाब से यहां संसाधन नहीं हैं। अभी यहां अाैसतन 125 सैंपल की ही जांच हाे रही है, जबकि राेज 400 सैंपल लिये जा रहे हैं। यहां दो ट्रू नेट मशीन में से एक खराब है। मायागंज अस्पताल स्थित लैब में सीबी नेट मशीन का कार्टेज खत्म हो गया है। इस कारण शनिवार काे केवल 40 सैंपल की ही जांच हाे पायी।
बीएयू सबौर की आरटीपीसीआर मशीन काे इंस्टॉल किया जा रहा है। साेमवार से जांच शुरू हाेने की संभावना है। कोरोना टेस्ट लैब बनकर तैयार है। मशीनें भी साउथ कोरिया से आ गई है। लेकिन ट्रांसपोर्टिंग के दौरान बायोकैप टूट गया था। जिस कारण यह नहीं लग सही है। एक सप्ताह में उपकरण आ जाएगा। हालांकि यहां अब आठ शहरी पीएचसी काे रैपिड एंटीजन किट से जांच की तैयारी की जा रही है। लेकिन टेस्ट की व्यवस्था सुधरने में कम से कम एक सप्ताह लगेंगे।
आदेश मिलते ही शुरू हाेगी एपीएचसी में जांच
विभाग से एक हजार एंटीजन किट मिले है। शहरी क्षेत्रों के सभी आठों एपीएचसी में किट से जांच की योजना है। विभाग का आदेश मिलते ही भागलपुर में भी एपीएचसी में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। फिलहाल सदर अस्पताल में किट से जांच हाे रही है। -डाॅ. विजय कुमार, सिविल सर्जन
जांच के लिए जिले में केवल 6 लैब टेक्नीशियन
भागलपुर में सदर अस्पताल और मायागंज हॉस्पिटल में ही कोरोना के लिए सैम्पल लिए जा रहे हैं। पिछले 10 दिनों में जांच कराने आये लोगों की संख्या बढ़ गयी है। लेकिन कोरोना टेस्ट के लिए यहां मात्र 6 लैब तकनीशियन ही हैं। तीन शिफ्ट में काम के बाद 100 सैंपल की जांच हाे पाती है। ट्रू नेट मशीन से 25 की जांच हाेती है। यानी राेज 125 के आसपास सैंपल की जांच हाे रही है। जबकि रोज 400 के करीब सैंपल लिए जा रहे हैं।
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