कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण उद्योगों को बंद होने से हुए बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूर एवं स्थानीय किसान मत्स्यपालन कर अच्छा मुनाफा प्राप्त करते हुए इसे जीविकोपार्जन का साधन बना सकते हैं। इस क्षेत्र में कमाई के असीमित मौके उपलब्ध हैं। जिलाधिकारी नवीन कुमार के निर्देश पर जिले में मत्स्य पालन में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभू कुमार ने बताया कि जिले के कई मत्स्यपालक मत्स्य पालन कर प्रतिवर्ष लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले के सदर प्रखंड में 97,काको प्रखंड में 82, मखदुमपुर प्रखंड में 71,रतनी प्रखंड में 41,घोसी प्रखंड में 38, हुलासगंज प्रखंड में 17 एवं मोदनगंज प्रखंड में 13 सरकारी तालाब है। जिनमें से 318 तालाबों का अल्पकालिक बंदोबस्ती की जा चुकी है। वही 41 तालाबों की बंदोबस्ती अब तक नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले में मत्स्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग,लघु सिंचाई विभाग से भी सैकड़ों सरकारी एवं निजी तालाबों का निर्माण कराया गया है।उन्होंने बताया कि इसके अलावा विभाग द्वारा भी दर्जनों निजी तालाब का निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निजी तालाब निर्माण कराने पर एससी-एसटी एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों को 90 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग के लोगों को 40 प्रतिशत अनुदान दे रही है।
इसके अलावा मत्स्य पालन के इच्छुक किसानों को विभाग द्वारा मत्स्य पालन की ट्रेनिंग भी करवाया जाता है।मत्स्य पालन के इच्छुक लोग विभाग से संपर्क कर सहयोग प्राप्त करते हुए इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते हैं तथा अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।जिले के वैना गांव निवासी मत्स्य पालक श्रीकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने सात बीघा निजी भूमि में तालाब का निर्माण मत्स्य विभाग द्वारा करवाया है तथा उनमें मत्स्य पालन कर प्रतिवर्ष 25 से 30 लाख रुपए की आमदनी कर रहे हैं।
इसके साथ ही तालाब के चारों ओर फलदार एवं इमारती लकड़ियों का पेड़ लगवाया गया हूं जो आने वाले दिनों में अच्छा मुनाफा देगा।इसी गांव के निवासी मत्स्य पालक नवल किशोर शर्मा ने बताया कि उन्होंने 90 डिसमिल अपने निजी भूमि में तालाब का निर्माण कराकर मत्स्य पालन कर रहे हैं।जिससे प्रतिवर्ष सात से दस लाख रुपए की आमदनी हो रही है।उन्होंने बताया कि पहले जिले में मत्स्य पालन से जुड़ी जरूरी चीजें यथा मछली जीरा,मछली दाना एवं दवाइयों की सुलभ उपलब्धता नहीं थी। लेकिन मत्स्य पालक श्रीकांत शर्मा मत्स्य पालन के साथ ही इन तमाम चीजों का बिक्री भी करते हैं।जिससे आसानी से मत्स्य पालकों के सभी जरूरत की चीजें एक स्थान पर मिल रही है।इसके साथ ही तालाब के चारों ओर सब्जी भी लगाते हैं।जिससे घर में सब्जी की जरुरत भी पुरी होती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://bit.ly/3gNTadD

No comments:
Post a Comment
Please don’t enter any spam link in the comment